मुंबई : उत्पल दत्त भारतीय सिनेमा के एक ऐसे कलाकार रहे, जिनकी कॉमेडी और सेंस ऑफ ह्यूमर फिल्मों में जान डाल देता था। एक्टर के अलावा राइटर और डायरेक्टर रहे उत्पल दत्त ने बंगाली सिनेमा से लेकर बॉलीवुड तक में खूब काम किया। 40 दशक से भी लंबे करियर में उत्पल दत्त ने 100 से ज्यादा बंगाली और हिंदी फिल्मों में काम किया। कॉमेडी में तो उनका जवाब ही नहीं था। कड़क अंदाज में भी उनका कॉमिक टच कमाल कर देता था।
70 के दशक में उत्पल दत्त एक मशहूर कॉमेडियन बन गए थे। उनकी पॉपुलैरिटी का आलम यह था कि लगभग ज्यादातर फिल्मों का अहम हिस्सा रहते। आज भी जब कॉमेडी फिल्मों की बात होती है तो जेहन में सबसे पहले उनकी फिल्म ‘गोल माल’ आती है, जिसे उत्पल दत्त ने अपनी कॉमेडी से हमेशा के लिए अमर बना दिया। साल 1929 में 29 मार्च को पैदा हुए उत्पल दत्त की 95वीं बर्थ एनिवर्सरी है। इस मौके पर उनकी पांच ऐसी फिल्मों के बारे में बता रहे हैं, जो Utpal Dutt ही नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा के इतिहास में भी मील का पत्थर साबित हुईं। इनमें उत्पल दत्त का अंदाज देख आप हंसी से लोटपोट हो जाएंगे।
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गोल माल
उत्पल दत्त के करियर की बेस्ट फिल्मों में से एक है ‘गोल माल’, जिसे ऋषिकेश मुखर्जी ने डायरेक्ट किया था। फिल्म की कहानी भवानी और राम प्रसाद नाम के दो किरदारों की है। भवानी अमीर है, लेकिन उसे ऐसे लड़कों से नफरत है, जो मॉडर्न तरीके जिंदगी जीते हैं और सारा पैसा फिजूल की चीजों व अय्याशी में बर्बाद करते हैं। राम प्रसाद (अमोल पालेकर) भवानी की फर्म में काम करना चाहता है, पर भवानी के उसूल देख वह एक तरीका निकालता है। उसकी फर्म में काम पाने के लिए राम प्रसाद दोहरी जिंदगी जीने लगता है। फिर भवानी और राम प्रसाद के बीच क्या कुछ होता है, वह बड़े मजेदार तरीके से दिखाया गया है। साल 1979 में रिलीज हुई इस फिल्म में अमोल पालेकर और उत्पल दत्त के अलावा बिंदिया गोस्वामी भी थीं।
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शौकीन
यह फिल्म 1982 में आई थी, जिसे बासु चटर्जी ने डायरेक्ट किया था। फिल्म में उत्पल दत्त के अलावा अशोक कुमार, एके हंगल, रति अग्निहोत्री और मिथुन चक्रवर्ती मुख्य किरदारों में थे। ‘शौकीन’ की कहानी तीन ऐसे बुजुर्गों की है, जिनकी कमजोरी महिलाएं हैं। ये तीन किरदार उत्पल दत्त, एके हंगल और अशोक कुमार ने निभाए थे। तीनों एक ट्रिप प्लान करते हैं, जिसके दौरान उनकी मुलाकात डांसर बनीं रति अग्निहोत्री से होती है, और वो तीनों उससे प्यार करने लगते हैं।
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किसी से ना कहना
इस फिल्म में उत्पल दत्त ने कैलाश पति नाम के एक ऐसे पिता का किरदार निभाया था, जो बेटे की शादी किसी ऐसी लड़की से करवाने का फैसला करता है, जो अनपढ़ हो। अंग्रेजी बिल्कुल न आती हो। दरअसल उसे आज की पीढ़ी के तौर-तरीके पसंद नहीं। उसे लगता है कि शिक्षा ने महिलाओं और लड़कियों को खराब कर दिया है। लेकिन बेटे को एक पढ़ी-लिखी लड़की रमोला से प्यार हो जाता है, जो डॉक्टर है। तब बेटा गांव के लाला की मदद लेता है, जो रमोला को गांव के पंडित की बेटी बताकर मिलवाता है। इस चक्कर में कई मजेदार चीजें घटती हैं। आखिर में लड़कियों को शिक्षित करने को लेकर मैसेज भी है।
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नरम गरम
यह फिल्म साल 1981 में आई थी, जिसमें उत्पल दत्त की कॉमिक टाइमिंग को खूब पसंद किया गया था। आज भी इसे उत्पल की बेस्ट कॉमेडी फिल्मों में शुमार किया जाता है। ‘नरम गरम’ में उत्पल दत्त के अलावा स्वरूप संपत, शत्रुघ्न सिन्हा और एक हंगल समेत कई और सितारे थे।
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हमारी बहू अल्का
इस फिल्म में उत्पल दत्त ने एक ऐसे पिता का किरदार निभाया था, जो बेटे की शादी तो करवा देता है, लेकिन उसे तब तक पत्नी से दूर रखता है, जबतक वह जिंदगी में कुछ बन नहीं जाता। जब बेटा एग्जाम देने के लिए मुंबई जाने का प्लान बनाता है, तो पिता तुरंत मना कर देते हैं। ऐसे में उसके बहू-बेटा मिलकर एक प्लान बनाते हैं और मुंबई चले जाते हैं। पर यहां जो कुछ भी होता है, वह उन्हें अपने फैसले पर पछताने पर मजबूर कर देता है। फिल्म में जो कुछ भी होता है, वह इतने कॉमिक अंदाज में होता है कि हंसी छूट जाएगी। उत्पल दत्त ने इसमें कमाल का काम किया था।