सूर्य के कारण पृथ्वी पर जीवन संभव है। सूरज की कृपा से पृथ्वी पर अन्न उत्पन्न गोता है। जिसके सेवन से प्राणियों को पोषण मिलता है। भास्कर ऊर्जा के स्त्रोत है। उनकी पूजा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। भानु मान-सम्मान के स्वामी है। ज्योतिष महाविज्ञान में सूर्य को मानसिक, शारीरिक स्वास्थ्य, आत्मविश्वास, आध्यात्मिक प्रगति, संतान की उन्नति और सुख का कारक बताया गया है। भानु सप्तमी सूर्य देवता को समर्पित है।
कब है कार्तिक माह में भानु सप्तमी?
पंचांग के अनुसार, हर माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को भानु सप्तमी मनाई जाती है। कार्तिक माह की भानु सप्तमी 19 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य देव की पूजा की जाती है। साथ ही जप, तप और दान का महत्व है। सूर्य देव की पूजा करने से मनचाही सफलता मिलती है। भानु सप्तमी तिथि 19 नवंबर, रविवार सुबह 7.23 बजे शुरू होगी। अगले दिन 20 नवंबर को सुबह 5.21 बजे समाप्त होगी।
भानु सप्तमी पूजा विधि
भानु सप्तमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर घर की साफ-सफाई करें। फिर नहाने के पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान करें। पीले वस्त्र धारण करें। इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए। सूर्यदेव को जल चढ़ाते समय ओम घृणि सूर्याय नमः का जाप करें। साथ ही सूर्य चालीसा और सूर्य कवच का पाठ करें। अपनी क्षमता अनुसार जरूरतमंदों को दान करें।