सम्पूर्ण देश में सबसे ज्यादा मंदिर देवों के देव महादेव के हैं और जब महाशिवरात्रि पर्व आता है और इसके प्रति श्रद्धालुओं का उत्साह अलग ही देखने को मिलता है। महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान शिव का अधिकांश भक्त रुद्राभिषेक करते हैं। पौराणिक मान्यता है कि रुद्राभिषेक करने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं।
महाशिवरात्रि के दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा को अत्यधिक फलदायी माना जाता है। शिव महापुराण में भी रुद्राभिषेक का जिक्र है। इसके अनुसार भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। महाशिवरात्रि पूजा के दौरान भगवान शिव को भांग, धतूरा और बेलपत्र आदि जरूर अर्पित करना चाहिए।
महाशिवरात्रि पर्व की तिथि और मुहूर्त
इस वर्ष महाशिवरात्रि व्रत 18 फरवरी 2023 को रखा जाएगा। महाशिवरात्रि व्रत पारण का मुहूर्त 19 फरवरी 2023 की सुबह 06.57 मिनट से शाम 03.25 मिनट तक रहेगा। यदि इस व्रत को पूरे विधि विधान के साथ किया जाता है तो शिव जी की कृपा से जीवन में आर्थिक स्थिरता प्राप्त कर सकते हैं।
पूजा के दौरान चांदी के कलश में जल लेकर शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। भगवान का शिव का अभिषेक करते समय “ओम नमः शिवाय” या “ॐ पार्वतीपतये नमः” का 108 बार जाप करना चाहिए। आर्थिक संकट दूर करने के लिए शिवलिंग पर गन्ने का रस भी चढ़ाया जाता है। लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए शहद और घी से शिवलिंग का अभिषेक भी कर सकते हैं।