कालाष्टमी पर भूलकर भी न खाएं नॉन वेज, 4 जनवरी को इन बातों की रखें सावधानी

सनातन धर्म में हर माह ही कई पर्व व त्योहार मनाए जाते हैं। इसमें कालाष्टमी पर्व का भी विशेष महत्व है। कालाष्टमी पर्व हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि काल भैरव की पूजा की जाती है। भगवान काल भैरव को शिव जी का एक उग्र स्वरूप माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार 4 जनवरी 2024 को कालाष्टमी मनाई जा रही है। इस दिन काल भैरव की विधि विधान से पूजा अर्चना करने पर शुभ फल मिलता है।
काल के देवता है काल भैरव
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, काल भैरव को काल के देवता है। यहीं कारण है तंत्र साधना में भी कालाष्टमी का विशेष महत्व है। इस दिन यदि किसी की हत्या की जाती है तो भगवान काल भैरव उग्र हो जाते हैं। भगवान काल भैरव ऐसे लोगों के विनाश का कारण बन जाते हैं। यही कारण है कि कालाष्टमी पर गलती से भी नॉनवेज का सेवन नहीं करना चाहिए। पंडित आशीष शर्मा के मुताबिक, कालाष्टमी पर काल भैरव को नींबू की माला अर्पित करना चाहिए और इस तिथि को गरीब व जरूरतमंद लोगों का दान देने से पुण्य फल मिलता है। काल भैरव का गुणगान करने के साथ-साथ विधि-विधान से पूजा अर्चना करना चाहिए।
काल भैरव को लगाएं जलेबी और मिठाई का भोग
पंडित आशीष शर्मा के अनुसार, कालाष्टमी पर भगवान काल भैरव को जलेबी और मिठाई का भोग लगाना सर्वोत्तम होता है। इस दिन किसी का भी अपमान नहीं करना चाहिए। मन को शांत रखना चाहिए और चिंतन व ध्यान में मन लगाना चाहिए। कालाष्टमी के दिन किसी पशु पक्षी को परेशान नहीं करना चाहिए।
इन मंत्रों का करें जाप
ओम ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं.
ओम कालभैरवाय नम:
ओम भ्रं कालभैरवाय फट्
ओम भयहरणं च भैरव: