बिलासपुर। कोटा विधायक अटल श्रीवास्तव के हालिया विवादित बयान से कांग्रेस में विवाद खड़ा हो गया है। दरअसल, बीते सोमवार 17 फरवरी 2025 को बिलासपुर में पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के कार्यक्रम में विधायक श्रीवास्तव ने कांग्रेस के जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की। विधायक ने कहा, “तुमने मेरे सिने में छुरा घोपा है,” और इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, “चपरासी कलेक्टर को बाहर करने की बात कह रहा है।” इस घटना के बाद अब दोनों जिला अध्यक्षों, विजय पाण्डेय (शहर) और विजय केशरवानी (ग्रामीण) ने इसे अनुशासनहीनता और अस्वीकार्य बताते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को पत्र लिखकर विधायक अटल श्रीवास्तव के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है।
पत्र में उन्होंने विधायक पर आरोप लगाते हुए उल्लेख किया कि बिलासपुर नगर निगम चुनाव 2025 में कोटा विधायक ने अपने समर्थकों को टिकट दिलवाने की कोशिश की थी, लेकिन वे तय मापदंडों के अनुरूप नहीं थे। इसके चलते प्रदेश चयन समिति ने उर्जावान और पार्टी के प्रति समर्पित कार्यकर्ताओं को टिकट दिया। इसके बाद, विधायक की ओर से पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ भीतरघात और खुले विरोध की शिकायतें मिली थीं, जिनके प्रमाण भी पेश किए गए थे। कांग्रेस ने पार्टी के नियमों के तहत कार्रवाई की और संबंधित कार्यकर्ताओं को प्राथमिक सदस्यता से छह साल के लिए निष्कासित किया।
जिला अध्यक्षों ने कहा कि इस कार्रवाई को व्यक्तिगत द्वेष से प्रेरित होकर विधायक ने मीडिया में दुर्भाग्यपूर्ण बयान दिए। उन्होंने सवाल किया कि जिस जिला कांग्रेस कमेटी का हिस्सा विधायक खुद हैं, उसके अध्यक्ष को “चपरासी” कहना कितना उचित है? इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि विधायक ने जिन लोगों को पार्टी को नुकसान पहुंचाया, उन्हें “कलेक्टर” बताने की कोशिश की है, जो उनके बयान को अनुचित साबित करता है।
कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि विधायक का यह आचरण पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। उन्होंने तत्काल विधायक अटल श्रीवास्तव के निष्कासन की मांग की है। इस विवाद ने कांग्रेस में एक नया मोड़ लिया है और अब यह देखना होगा कि पार्टी इस मामले में आगे क्या कदम उठाती है।