सूरत। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘मोदी’ सरनेम केस में दायर अपील को सूरत सेशन कोर्ट ने खारिज कर दिया है. राहुल ने मानहानि केस में मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी. सेशन कोर्ट ने निचली अदालत के फैसला को बरकरार रखा है, जहां वह ‘मोदी’ सरनेम केस में दोषी करार दिए गए थे. राहुल गांधी को दो साल की सजा भी सुनाई गई थी. फैसले के 24 घंटे के भीतर वह संसद से अयोग्य करार दिए गए. सेशन कोर्ट से झटका मिलने के बाद अब राहुल गांधी अहमदाबाद हाई कोर्ट जाएंगे.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 23 मार्च को मजिस्ट्रेट कोर्ट ने दोषी करार दिया था. वह 24 मार्च को संसद से अयोग्य करार दिए गए. इसके बाद 3 अप्रैल को सेशन कोर्ट में राहुल गांधी ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी. अपील में उन्होंने कहा कि उनके बयान को गलत ढंग से पेश किया गया और इस वजह से उन्हें भारी नुकसान हुआ. राहुल के वकील ने दो याचिकाएं दायर की थी. एक में राहुल के दोषी पाए जाने के फैसले को चुनौती दी गई थी, और दूसरी याचिका में कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई थी.
सेशन कोर्ट से झटका, अब राहुल के पास क्या?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अपील को सेशन कोर्ट ने खारिज कर दिया, लेकिन उनके पास अभी कई रास्ते खुले हैं. सेशन कोर्ट से अपील खारिज होने का मतलब है कि मजिस्ट्रेट कोर्ट का फैसला लागू होगा, जहां उन्हें दो साल जेल की सजा सुनाई गई थी. इस बीच अगर निचली अदालत के फैसले पर रोक नहीं लगती है तो राहुल के लिए बड़ी मुश्किलें पैदा हो सकती है. इस बीच बताया जा रहा है कि कल, 21 अप्रैल को वह हाई कोर्ट में याचिका दायर करेंगे, और जल्द सुनवाई की मांग करेंगे.
राहुल गांधी का 2019 का वो बयान
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने साल 2019 में कर्नाटक के कोलार की एक रैली में ‘मोदी’ सरनेम वालों पर कुछ सवाल पूछे थे. उन्होंने भारत के ‘भगोड़े’ नीरव मोदी, ललित मोदी का जिक्र करते हुए पूछा था कि ‘आखिर सभी चोरों के सरनेम में मोदी क्यों है?’ इससे नाराज गुजरात बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी के खिलाफ मानहानि केस दर्ज कराया था. बयान के चार साल बाद सूरत मजिस्ट्रेट कोर्ट ने फैसले में राहुल को दोषी पाया, और दो साल जेल की सजा सुनाई.