भोपाल : सीएम मोहन यादव ने रविवार यानी 12 जनवरी को शाजापुर के 11 गांवों के नाम बदले. इसके बाद प्रदेश में इसे लेकर राजनीति शुरू हो गई है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि मुझे न पंडित लिखने में ऐतराज और न ही मौलाना लिखने में ऐतराज.
‘इस मानसिकता ने समाज और देश का सत्यानाश किया’
जंगल सत्याग्रह फिल्म के शो के लिए पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह समेत कई नेता विधानसभा के मानसरोवर सभागार पहुंचे. यहां सिंह से गांवों के नाम बदलने को लेकर सवाल पूछा गया. इस पर उन्होंने कहा कि मुझे न पंडित लिखने में ऐतराज है, न मौलाना लिखने में ऐतराज. न संत-महात्मा, न सरकार, न फादर लिखने में ऐतराज है. ये सब लिखने में कोई ऐतराज नहीं है. इस मानसिकता ने समाज और देश का सत्यानाश किया है.
‘दिग्विजय सिंह का चेहरा तुष्टिकरण की राजनीति करने वाला’
बीजेपी के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह के बयान पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह का चेहरा हमेशा से तुष्टिकरण की राजनीति करने वाला हैं. लोगों को बांटने का काम करते हैं.
कहा कि दिग्विजय सिंह ने सदैव हिंदुओं को आतंकवादी बताया है. सनातन धर्म का अपमान किया और आश्चर्य की बात नहीं है कि अब वे ऐसा बयान दे रहे हैं.
उज्जैन के तीन गांवों के नाम बदले गए थे
इससे पहले मुख्यमंत्री ने उज्जैन के तीन गांवों के नाम बदल दिए थे. 6 जनवरी को सीएम उज्जैन के दौरे पर थे. बड़नगर में आम सभा की. सीएम ने तीन गांवों के नाम गजनी खेड़ा को चामुंडा नगरी, मौलाना को विक्रम नगरी और जहांगीरपुर को जगदीशपुर करने का ऐलान किया. यहां उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि मौलाना जैसे नाम अटकते और खटकते हैं. लिखने में भी मुश्किल होती है.