Digital Arrest Fraud: डिजिटल अरेस्ट पर गृह मंत्रालय ने बनाई हाईलेवल कमेटी
डिजिटल अरेस्ट कर ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए मोदी सरकार (modi government) सख्त हो गई है। पीएम मोदी (PM Modi) की सलाह के बाद
Digital Arrest Fraud: डिजिटल अरेस्ट कर ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए मोदी सरकार (modi government) सख्त हो गई है। पीएम मोदी (PM Modi) की सलाह के बाद अब गृह मंत्रालय (Ministry of Home Affairs) ने हाईलेवल कमेटी बनाई है। यह कमेटी डिजिटल अरेस्ट के मामलों की जांच करने वाली संबंधित एजेंसी या पुलिस की जांच की मॉनिटरिंग करेगी। पीएम नरेन्द्र मोदी अपनी मन की बात में डिजिटल अरेस्ट का जिक्र कर इससे बचने की सलाह लोगों को दी थी।
स्पेशल सेक्रेटरी इंटरनल सिक्योरिटी इस समिति के प्रमुख होंगे। समिति को अपराधियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार, समिति की निगरानी गृह मंत्रालय के आंतरिक सुरक्षा सचिव लगातार करते रहेंगे। गृह मंत्रालय के साइबर अपराध समन्वय केंद्र, जिसे 14सी के नाम से भी जाना जाता है, ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस से संपर्क कर उन्हें समिति के बारे में जानकारी दी है।
इस साल अब तक दर्ज हुए 6 हजार से ज्यादा केस
बता दें कि देशभर में इस साल अब तक डिजिटल अरेस्ट के 6,000 से अधिक केस दर्ज हो चुके हैं। इसमें 14सी ने घोटाले के संबंध में 6 लाख मोबाइल नंबर ब्लॉक किए हैं, जो ड्रग्स और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में झूठे तरीके से फंसाकर लोगों को निशाना बनाते हैं। साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने कम से कम 709 मोबाइल एप्लिकेशन को भी ब्लॉक किया है। सूत्रों ने कहा कि अधिकारियों ने साइबर धोखाधड़ी से संबंधित 3.25 लाख फर्जी बैंक खातों को फ्रीज करने का भी आदेश दिया है।
पीएम मोदी ने मन की बात में लोगों को किया था आगाह
बता दें कि प्रधानमंत्री ने अपनी मन की बात में डिजिटल अरेस्ट शब्द का भी जिक्र किया था। उन्होंने, इस दौरान एक आडियो भी सुनाया था। इसमें एक अधिकारी शख्स को धमकाने का काम कर रहा है। पीएम ने कहा कि यह कोई मनोरंजन वाला आडियो नहीं है। इसमें एक आदमी दूसरे शख्स को डिजिटल अरेस्ट कर रहा है। पीएम ने कहा कि यह लोग आम जनता पर दबाव बनाते हैं और लोगों को ठगने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि जनता को ऐसे मामलों में तीन चरणों पर काम करना चाहिए। ये है रुको, सोचो और एक्शन लो। उन्होंने कहा ऐसे काल आने पर आपको घबराने की जरूरत नहीं है। उन्हें किसी तरह की जानकारी को देने से पहले सोचना चाहिए. इसके बाद आप साइबर सेल में शिकायत कर सकते हैं।