देवगुरु बृहस्पति 4 सितंबर की शाम 4 बजकर 58 मिनट पर मेष राशि में वक्री हो गये हैं। इसके बाद से पूरे साल गुरु वक्री अवस्था में ही रहेंगे और साल के अंत में 31 दिसंबर को मार्गी हो जाएंगे। यूं तो बृहस्पति के वक्री अवस्था का प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ेगा, लेकिन कुछ राशियों को विशेष लाभ मिल सकता है। ज्योतिष शास्त्र में बृहस्पति यानी गुरु को सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। सबसे शुभ ग्रह बृहस्पति ज्ञान, बुद्धि, धर्म, अध्यात्म, प्रगति, शिक्षा, संतान, समृद्धि आदि के कारक हैं। वक्री गुरु कर्मों के अनुसार अच्छा या बुरा फल देते हैं। वैसे मंगल और बृहस्पति के बीच मैत्री संबंध है, इसलिए मेष राशि में गुरु के वक्री होने से ज्यादातर लोगों को लाभ होगा। आइये जानते हैं पंडित प्रफुल्ल शर्मा के अनुसार किन राशियों को वक्री गुरु का विशेष लाभ मिल सकता है।
मिथुन राशि
इस राशि के लिए गुरु सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। साथ ही वक्री होकर आपके ग्यारहवें भाव में गोचर कर रहे हैं। इस दौरान आपके कार्यक्षेत्र में विशेष तरक्की के योग बन रहे हैं। साझेदारी के व्यवसाय या नौकरी में जबरदस्त मुनाफा मिलने के योग हैं। आय के साधन बढ़ेंगे, आपके कामकाज की प्रशंसा होगी और मान-सम्मान के साथ आर्थिक लाभ मिलेगा। इस दौरान शिक्षा या उच्च शिक्षा और वैवाहिक संबंधों के मामले में सोच-विचार कर फैसला लें।
कर्क राशि
इस राशि के लिए बृहस्पति छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं। साथ ही आपके दसवें भाव में वक्री हो रहे हैं। इस अवधि में आपके पेशेवर जीवन में बदलाव आने की संभावना है। गुरु शुभ स्थिति में हों, तो इस अवधि में नौकरीपेशा जातक मनचाही पदोन्नति या वेतन वृद्धि के लिए बात कर सकते हैं। नौकरी बदलने के लिए भी यह समय अत्यधिक शुभ है। अपने पिता की सेहत को लेकर सावधान रहें। आप अपने ज्ञान और सूझ-बूझ से शत्रुओं को भी वश में कर लेंगे और उनका सम्मान हासिल करेंगे। अपने पिता, गुरु और धर्म के प्रति समर्पण का भाव रखें और धार्मिक कार्यों में यथासंभव सहयोग करें।
धनु राशि
बृहस्पति आपके लग्न भाव और चौथे भाव के स्वामी हैं और आपके पांचवें भाव में वक्री हो रहे हैं। दो केन्द्रों के स्वामी का त्रिकोण भाव में वक्री होना राजयोग दर्शाता है। इस अवधि में अचानक बड़ी सफलता मिलेगी। निवेश, शेयर बाजार आदि से जबरदस्त रिटर्न मिल सकता है। शिक्षा के क्षेत्र के जुड़े लोगों को मान-सम्मान और आर्थिक लाभ की प्राप्ति हो सकती है। संतान की तरफ से शुभ समाचार मिलने के संकेत हैं। जिन्हें संतान पाने में कोई रुकावट या स्वास्थ्य समस्या आ रही है, उन्हें अपनी समस्या का समाधान मिल जाएगा। छात्रों को अपनी पढ़ाई से जुड़े निर्णयों को लेकर दोबारा सोच-विचार करने का अवसर मिलेगा।
कुंभ राशि
इस राशि के लिए गुरु दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं। साथ ही तीसरे भाव में वक्री हो रहे हैं। आय और लाभ स्थान के स्वामी का उपचय भाव में ज्यादा आर्थिक दृष्टि से बहुत ही लाभकारी हो सकता है। आपको अपने भाईयों से संपत्ति या उपहार मिल सकता है। बचत में वृद्धि होगी और आय के कई स्रोत खुलेंगे। इस दौरान नौकरी या कारोबार को लेकर छोटी यात्राएं करनी पड़ सकती हैं, लेकिन भविष्य में उनका लाभ ही होगा। अगर वाणी संयमित रखें तो पदोन्नति या बड़ी जिम्मेदारी मिलने के योग बन रहे हैं।