तेल अवीव : इस्राइल के नए न्यायिक सुधार कानून के कारण देश भर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। शनिवार को भी कई तेल अवीव सहित अन्य शहरों में विरोध प्रदर्शन किए गए। लोकल मीडिया के मुताबिक, हजारों लोग अलग-अलग शहरों में प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को सरकार के खिलाफ तेल अवीव शहर में बैनर-पोस्टर भी लगाए हैं। लोगों का आरोप है कि न्यायिक सुधार कानून न्यायिक प्रणाली को खत्म करने की सरकार की योजना है।
लोकतंत्र को खतरा
नेतन्याहू सरकार के खिलाफ लोगों का आरोप है कि सरकार की योजना देश की जांच व्यवस्था पर हमला है। उनका मानना है कि सरकार के इस कदम से लोकतंत्र खतरे में आ जाएगा। यहूदी महिलाओं की राष्ट्रीय परिषद प्रमुख शीला काट्ज का कहना है कि यह न्यायिक सुधार के बारे में नहीं है, यह लोकतंत्र के बारे में है। कोर्ट पवित्र होते हैं। कोर्ट लोगों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए होते हैं, इसलिए कोर्ट को राजनीति से दूर रखना चाहिए।
सरकार ने नीति लागू करने में की देरी
प्रदर्शनकारियों ने सरकार की इसी नीति के खिलाफ पिछले महीने भी प्रदर्शन किया था। उन्होंने अर्थव्यवस्था बंद करने की धमकी दी थी। इस्राइली सेना की एलीट रिजर्व फोर्स के अधिकारियों ने भी चेतावनी दी है कि अगर सुधार नीति लागू हुई तो वह ड्यूटी के लिए मना कर देंगे।
हाई-टेक बिजनेस लीडर्स और सुरक्षा संस्थान भी विरोध कर रहे हैं। ट्रेड यूनियनों ने आम हड़ताल के आह्वान की घोषणा की है। लोगों के बढ़ते विरोध के कारण सरकार भी समझौते के लिए विकल्प की तलाश कर रही है, इसी वजह से सुधार नीति को लागू करने में देरी हो रही है। लेकिन प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इसे पूरी तरह से खत्म किया जाए।
पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे
प्रदर्शनकारी देशभर के प्रमुख नेशनल हाईवे और रेलवे स्टेशन पर चक्का जाम कर देते हैं। जिससे कई किलोमीटर लंबा जाम लग जाता है। भारी भीड़ पुलिस के लिए भी काफी समस्या का कारण बन गई है, इसलिए भीड़ को हटाने के लिए पुलिस को वाटर कैनन और स्टन ग्रेनेड का इस्तेमाल करना पड़ता है। राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग द्वारा आयोजित वार्ता पर भी लोगों को विश्वास नहीं है। येश एटिड, राष्ट्रीय एकता और सरकार के बीच वार्ता पर लोगों का कहना है कि इससे विरोध आंदोलनों को दबाने की कोशिश की जाएगी और कानून को चुपचाप आगे बढ़ा दिया जाएगा।