नईदिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में उपयोग होने वाली वोटिंग मशीन पर फॉक्स न्यूज ने एक रिपोर्ट दी थी. ये मामला 2020 का है. वोटिंग मशीन बनाने वाली कंपनी डोमिनियन ने न्यूज चैनल पर मानहानि का केस कर दिया था. तीन साल बाद इसे सुलझा लिया गया है. हालांकि न्यूज चैनल पर भारी जुर्माना लगाया गया है. कंपनी और न्यूज चैनल के बीच लास्ट मिनट में सेटलमेंट हुआ. वोटिंग मशीन बनाने वाली कंपनी ने 1.6 बिलियन डॉलर (करीब 13 हजार करोड़) की मानहानि का दावा किया था.
इसके बाद केस चलता रहा. लेकिन इससे पहले ही कोर्ट कोई फैसला करती दोनों के बीच सेटलमेंट हो गया. लेकिन कंपनी से जितने पैसों का दावा किया था उससे आधे पर भी मामला बन गया. यानी फॉक्स न्यूज को 787.5 मिलियन डॉलर (64.5 अरब) रुपये देने होंगे.
कंपनी ने दावा किया कि फॉक्स न्यूज चैनल ने धांधली की झूठी खबर दिखाई जिसके कारण उसके बिजनेस को तगड़ा झटका लगा है. लास्ट मिनट में हुई डील के कारण फॉक्स न्यूज के अधिकारी कोर्ट जाने से बच गए. ऐसे मामलों में जज की कोई आवश्यकता नहीं होती. जिसने मानहानि का दावा किया है और जिसके खिलाफ किया गया है दोनों के बीच अगर सहमति बनती है तो मामला सुलझ जाता है.
फॉक्स ने इसके बाद बयान दिया कि अमेरिका के इतिहास में ये सबसे प्रत्याशित डेफिनेशन मामला था. वोटिंग मशीन बनाने वाली कंपनी ने कहा इससे ये साबित हो जाता है कि फॉक्स न्यूज ने गलत रिपोर्टिंग की थी. इसीलिए उनको समझौता करना पड़ा. कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि इस खबर से हमारी साख में खराब हुई. हमारी एक मार्केट में इमेज थी. उस इमेज का नुकसान हुआ है.
डोमिनियन अटॉर्नी जस्टिन नेल्सन ने इसे अपनी जीत करार देते हुए कहा कि कुछ भी हो मगर सच सच ही होता है और सच्चाई मायने रखती है. कोर्ट में इस मामले की बहस मंगलवार को होनी थी. मामले में लगातार देरी हो रही थी. सुपीरियर कोर्ट के जज एरिक डेविस ने एनाउंस किया कि मुकदमे की शुरुआत में 24 घंटे की देरी होगी. इससे महसूस हो गया था कि कंपनी और न्यूज चैनल के बीच बातचीत चल रही है.