नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक 3 अप्रैल से 5 अप्रैल तक होने वाली है। फाइनेंशियल ईयर 2024-2025 की यह पहली बैठक होगी। आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक से लोग रेपो रेट (Repo Rate) में कटौती की उम्मीद लगाए हुए हैं। रेपो रेट में कटौती होने पर लोगों के लोन की ईएमआई कम हो जाएगी। लेकिन लंबे समय से आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती नहीं की है।
कई एक्सपर्ट्स उम्मीद जता रहे हैं कि पैनल इस बार भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा। इससे पहले वित्त वर्ष 24 की अंतिम बैठक में एमपीसी ने रेपो रेट में लगातार छठी बार कोई बदलाव नहीं किया था। इसे 6.5 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला किया था। इधर आरबीआई की एमपीसी बैठक से पहले एसबीआई के अर्थशास्त्रियों ने अपने रिसर्च रिपोर्ट में बताया है कि आगामी 3-5 अप्रैल को होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में यह उम्मीद की जाती है कि भारत अन्य उभरती अर्थव्यवस्थाओं से अलग होगा।
कब मिलेगी महंगे कर्ज से राहत
रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी बाजारों में ढांचागत बदलाव हो रहे हैं, जहां बेरोज़गारी की दर कम होने के साथ-साथ नौकरियों की जगह ज्यादा हैं। रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा समय में महंगाई खाद्य पदार्थों की कीमतों में उछाल की वजह से बढ़ रही है। रिपोर्ट में यह उम्मीद जताई गई है कि वित्त वर्ष 2025 में जमा राशि और क्रेडिट क्रमशः 14.5-15% और 16.0-16.5% तक बढ़ सकते हैं। रिपोर्ट के अनुसार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया दरों में कटौती केवल वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में ही कर सकता है।
इन तारीखों को होगी बैठक
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान कुल छह मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक होगी। इसमें पहली बैठक 3 से 5 अप्रैल 2024 को होने जा रही है। दूसरी एमपीसी बैठक 5 से 7 जून तक होगी। तीसरी एमपीसी बैठक 6 से 8 अगस्त 2024 को होगी। चौथी बैठक 7 से 9 अक्टूबर तक होगी। 4 से 6 दिसंबर 2024 को पांचवीं बैठक होगी। वहीं छठी और 2024-25 की आखिरी मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक नए साल 2025 में 5 से 7 फरवरी को होगी।