ग्वालियर : क्या कोई मां अपनी मोहब्बत को छुपाने के लिए अपने ही जिगर के टुकड़े की हत्या कर सकती है ,सुनने में यह बात अजीब सी लगेगी लेकिन है सच। तीन साल के मासूम सनी उर्फ जतिन राठौर को नहीं पता था कि जिस मां ने उसे 9 महीने पेट में पाला है वही उसकी जान की दुश्मन बन जाएगी। मामला मध्यप्रदेश के ग्वालियर में थाटीपुर थाना इलाके का है जहां एक कलयुगी मां ने अपने ही बेटे को छत से फेंककर मौत के घाट उतार दिया और घरवालों को हादसे की कहानी सुनाकर बरगला दिया। लेकिन मरने के बाद मासूम बार-बार महिला के सपने में आने लगा। इसके बाद घबराई मां ने एक दिन पुलिस कॉन्स्टेबल के सामने अपना पूरा जुर्म कुबूल कर लिया। पुलिस फिलहाल मामले की जांच में जुटी है।
तारामाई कॉलोनी निवासी ध्यान सिंह राठौड़ एमपी पुलिस में सिपाही के पद पर तैनात हैं। ध्यान सिंह की शादी 2017 में भिंड निवासी ज्योति राठौड़ से हुई थी। घर में ज्योति अपने पति और 2 बच्चों के साथ रहती थी। इस बीच पत्नी के कहने पर ध्यान सिंह ने घर के नीचे पत्नी को एक दुकान खुलवा दी। पत्नी की बात मानकर ध्यान सिंह ने प्लास्टिक के सामान की दुकान खोल दी। लेकिन अचानक ज्योति ने बताया कि उसे दुकान पर बैठना ठीक नहीं लगता इसलिए अब दुकान बंद कर दीजिए। इस पर ध्यान सिंह ने पूरा सामान बिक जाने के बाद दुकान बंद करने की बात कही।
सपने में आने लगा मरा हुआ बेटा
इस बीच 28 अप्रैल को उसके बेटे जतिन की छत से गिर जाने के कारण मौत हो गई। परिजनों ने जतिन की मौत को हादसा समझा और कुछ दिन बाद सब कुछ सामान्य हो गया। बेटे की मौत के बाद ज्योति डरी और सहमी हुई रहने लगी। पति को लगा कि बेटे की मौत का सदमा धीरे-धीरे सब कुछ ठीक हो जाएगा। लेकिन ज्योति की हालत रोज खराब होने लगी। ज्योति को यह आभास होता था कि घर में जतिन की आत्मा भटक रही है। इसलिए उसने सिपाही पति के सामने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
बार-बार बयान बदलने से हुआ शक
सिपाही ध्यान सिंह को ज्योति ने बताया कि वह दुकान बंद करने को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहे थे। इसलिए उसने 3 साल के बेटे को छत से धक्का दे दिया। ताकि वह यह साबित कर सके कि दुकान उनके लिए अशुभ है। ज्योति ने बताया कि वह जतिन की जान नहीं लेना चाहती थी। इसके बाद ध्यान सिंह ने पूरा सच सामने लाने के लिए ज्योति के बयान को रिकार्ड करना शुरू कर दिया। ध्यान सिंह ने घटना को लेकर ज्योति से सवाल किए तो वह अलग-अलग बयान देने लगी। इससे पति का शक और बढ़ गया। इसके बाद एक दिन उसने रोते हुए पति को सबकुछ सच-सच बता दिया। ध्यान सिंह ने मोबाइल में रिकाॅर्ड किए गए सबूतों के आधार पर थाटीपुर थाने में ज्योति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी। पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी।
आखिरकार सच आया सामने
पुलिस ने ज्योति को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी। पुलिस की सख्ती के आगे ज्योति की एक नहीं चली और सारा सच पुलिस के सामने उगल दिया। उसने बताया कि अवैध संबंधों के चलते उसने अपने बेटे की हत्या की दी। पूछताछ में उसने बताया कि उसका पड़ोसी उदय से अवैध संबंध थे। 28 अप्रेल की शाम को घर में कोई कार्यक्रम था। पति समेत कई लोग मेहमानवाजी में व्यस्त थे। इस दौरान रात के समय ज्योति अपने प्रेमी से मिलने छत पर पहुंच गई। मां को छत पर आते देख जतिन भी पीछे-पीछे चला गया। उसने अपनी मां को प्रेमी की बांहों में बांहें डालते हुए देख लिया। इस पर ज्योति घबरा गई और उसने पोल खुलने के डर से बेटे जतिन को छत से गिरा दिया।