गिरफ्तार ननों से मिलने दुर्ग जेल पहुंचे सीपीआई नेता, बोले- झूठे और नकली केस में फंसाया गया

दुर्ग : छत्तीसगढ़ के दुर्ग में कथित रूप से धर्मांतरण और मानव तस्करी के आरोप में 25 जुलाई को रेलवे स्टेशन से दो नन प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस को गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद दोनों को दुर्ग सेंट्रल जेल में रखा गया है, जहां सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। यह मामला अब सियासी रूप ले चुका है।

आज बुधवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की वरिष्ठ नेता बृंदा करात और सीपीआई नेता एनी राजा दोनों ननों से मिलने दुर्ग जेल पहुंचीं। जेल प्रशासन ने सुबह 9:30 बजे उन्हें मुलाकात की अनुमति दी। कल जब नेता निर्धारित समय के बाद पहुंचे थे, तब उन्हें मिलने नहीं दिया गया था। बृंदा करात ने जेल में ननों की स्थिति को डिस्टर्बिंग बताया।

उन्होंने कहा कि ननों को झूठे, नकली केस में फंसाया गया है। ये दोनों नन वर्षों से गरीबों के बीच सेवा कर रही थीं और उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि बजरंग दल ने इन्हें गलत तरीके से विदेशी घोषित किया, जबकि यह पूरी तरह निराधार है। नेताओं का आरोप है कि यह कार्रवाई बीजेपी सरकार द्वारा ईसाई समुदाय को टारगेट करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि ननों की तबीयत खराब है, उन्हें जमीन पर सोने के लिए मजबूर किया जा रहा है। विपक्ष ने ननों की तत्काल रिहाई और दर्ज एफआईआर को वापस लेने की मांग की है, साथ ही इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया है।

गिरफ्तार दो नन प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस 

आपको बता दें कि, 29 जुलाई को केरल से चार सांसद एन. के. प्रेमचंदन, सप्तगिरि शंकर उल्का, फ्रांसिस जॉर्ज, अनिल ए. थॉमस और विधायक रोजी एम. जॉन समेत छत्तीसगढ़ कांग्रेस की सह प्रभारी जरिता लेतफलांग ने भी जेल पहुंचकर दोनों ननों से मुलाकात की थी।

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