भिंड। मध्य प्रदेश मेंमहिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधारने और उनके सशक्तिकरण का एक प्रमुख साधन मानी जा रही लाड़ली बहना योजना, अब भ्रष्टाचार का शिकार हो गई है। भिंड जिले में लाडली बहनों की राशि की किस्त में बड़ा भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। जहां 2 महीने से लाडली बहनाओं के खाते में योजना के क़िस्त की राशि नहीं डली है। पैसे नहीं मिलने से अब लाडली बहनें अधिकारियों के चक्कर लगा रहीं हैं। बहनों ने महिला बाल विकास अधिकारी एवं संबंधित बैंकों को इसके लिए आवेदन भी दिया है।
लाडली बहन सरसई निवासी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कंचन देवी ने महिला बाल विकास अधिकारी को बताया कि हमारे खाते में दो माह से योजना के पैसे नहीं डले हैं। तो वहीं बहन संतोषी देवी निवासी फूप वार्ड क्रमांक 8 ने भी इस संबंध में संबंधित अधिकारियों को आवेदन दिया है। ऐसे एक दो मामले नहीं है, बल्कि सैकड़ों की तादाद में लाडली बहनाओं के पैसे उनके खातों में नहीं पहुंच पाई है। लाडली बहनाओं के अलावा जो बैंक में सब्सिडी आती थी वह भी अन्य खातों में ट्रांसफर हो गई। जिसको लेकर संबंधित अधिकारियों ने जांच कर वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र लिखा है।
भिंड जिला बना भ्रष्टाचार का अड्डा
इस पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि भिंड जिला भ्रष्टाचार का अड्डा बनता चला जा रहा है। मध्य प्रदेश सरकार की जो योजना है, उसमें भी भारी भ्रष्टाचार हो रहा है। लाडली बहना की योजना की किस्त थी वह किसी स्टूडेंट के खाते में गई है। लाडली बहनाओं के साथ में जो ठगी की गई है, जिला प्रशासन इस मामले में पूरी तरह से चुप है। डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि हमारी मुख्यमंत्री जी से मांग है कि इस योजना पर पलीता लगाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।
सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया के मैनेजर ने कही ये बात
वहीं इस पूरे मामले में सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया के मैनेजर राम सोलंकी ने कहा कि टेक्निकल खराबी होने के कारण जो सेंट्रल बैंक में खाते हैं उन खातों के पैसा अन्य खाते में चला गया है। जो खाता धारक है जिसमें पैसा गया है, वहां एक स्टूडेंट है और उसे स्टूडेंट का खाता बंद कर दिया गया है। लाड़ली बहनाओं के अलावा जो सब्सिडी मिलती थी वह भी प्राइवेट खाते में चली गई है। जिसको लेकर हमने संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर पूरी जानकारी भेज दी है। वहीं इस पूरे मामले में भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि संबंधित अधिकारियों को जांच के लिए आदेश दिए थे। वह जांच होकर संबंधित अधिकारियों को भेज दी गई है।