छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का ‘वॉर रूम’; भाजपा के खिलाफ तैयार किया जा रहा ‘हथियार’, 2 शिफ्टों में काम कर रहे 70-80 लोग

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद चुनावी माहौल गरम होने के साथ, कांग्रेस का ‘वॉर रूम’ सरकार के कार्यों को दिखाने के लिए और विपक्षी दलों के दुष्प्रचार को रोकने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और अन्य तरीकों का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल कर रहा है।

कांग्रेस के ‘वॉर रूम’ में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ-साथ रील्स के महत्व, प्रभाव और असर को समझते हुए कंटेंट राइटर, वीडियो एडिटर और टेलीकॉलर चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। इसे लेकर एआईसीसी के राष्ट्रीय समन्वयक (सोशल मीडिया और डिजिटल संचार) आयुष पांडे ने कहा है कि पार्टी और राज्य सरकार के कार्यों के प्रचार के लिए काम करने के अलावा, ‘वॉर रूम’ को फर्जी खबरों से निपटने का काम सौंपा गया है।

चुनावी व्यवस्था के लिए स्थापित किया गया है वॉर रूम
आयुष पांडे ने ‘वॉर रूम’ के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा कि इसे चुनावी व्यवस्था के लिए स्थापित किया गया है। इस रूम में एक अलग अभियान प्रबंधन इकाई, एक ग्राउंड प्रबंधन इकाई, एक डेटा इंटेलिजेंस इकाई, एक राजनीतिक खुफिया इकाई, एक सोशल मीडिया प्रबंधन इकाई और एक कॉल सेंटर है। उन्होंने आगे कहा कि जमीनी अभियान प्रबंधन इकाई स्थानीय मुद्दों की देखभाल कर रही है और यह सुनिश्चित कर रही है कि पार्टी की कल्याणकारी योजनाएं लाभार्थियों तक पहुंचे। वहीं, डेटा इंटेलिजेंस यूनिट को निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर बूथों, संगठनों और योजनाओं के लाभार्थियों से संबंधित डेटा इकट्ठा करने का काम सौंपा गया है।

वॉर रूम में बनाया गया है कॉल सेंटर
पांडे ने कहा कि राजनीतिक खुफिया इकाई हमें प्रदेश भर में चल रही राजनीतिक चर्चा को आगे बढ़ाने, विपक्ष के आरोपों का जवाब देने, लोगों तक पार्टी का संदेश पहुंचाने, लोगों का हम पर भरोसा बढ़ाने और चल रहे कार्यों को मजबूत करने में मदद करती है। उन्होंने आगे बताया कि ‘वॉर रूम’ में एक कॉल सेंटर भी है, जिसमें दो शिफ्टों में 70-80 लोग लगातार काम करते हैं और वे एक दिन में लगभग 20000 कॉल करते हैं।

फर्जी समाचार निगरानी सेल का किया गया गठन
पांडे ने बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा ने लोगों को डराने और उन्हें सांप्रदायिक मुद्दों की ओर मोड़ने की राजनीति की। उन्होंने आगे कहा कि 15 साल तक सत्ता में रहने के बावजूद, वे केवल भावनात्मक मुद्दे उठाते हैं, जिनका लोगों के हित से कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें हमसे पूछना चाहिए था कि पिछली भाजपा सरकार की तुलना में कांग्रेस द्वारा कितने स्कूल, अस्पताल और विकास कार्य किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि व्हाट्सऐप मैसेजिंग एप्लिकेशन के जरिए अफवाहें फैलाई जा रही हैं और ऐसी फर्जी सूचनाओं से निपटने के लिए वॉर रूम में एक फर्जी समाचार निगरानी सेल का गठन किया गया है। यह सेल ऐसी फर्जी खबरों पर कड़ी नजर रखता है और कानूनी रूप से काम करता है। वॉर रूम में लगभग 120-150 लोगों की एक टीम काम कर रही है।

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