Site icon khabriram

CG : शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति घोटाला, ईओडब्लू ने शुरू की जांच

shiksha bilaspur

बिलासपुर : शिक्षा विभाग में हुए अनुकंपा नियुक्ति घोटाले की जांच राज्य सरकार की आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में जिला शिक्षा अधिकारी को नियुक्ति से संबंधित सभी दस्तावेज देने के लिए कहा गया है।

ज्ञात हो कि कोविड काल में शिक्षा विभाग में मृत शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को शासन की नीति के तहत अनुकंपा नियुक्ति दी जानी थी। शासन ने अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का तेजी से निपटारा करने का निर्देश दिया था। ऐसी नियुक्ति में प्रावधान किया गया था कि संबंधित आवेदक के परिवार के किसी सदस्य को सरकारी नौकरी में नहीं होना चाहिए।

प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी पी. दासरथी ने ऐसे 12 कर्मचारियों की नियुक्ति नियमों के खिलाफ जाकर कर दी, जो मृतक कर्मचारी के नजदीकी संबंधी नहीं थे, अथवा उसके परिवार का कोई अन्य सदस्य सरकारी नौकरी में पहले से ही था। इस बात की शिकायत उच्चाधिकारियों को की गई।

विभागीय जांच में पाया गया कि प्रभारी डीईओ दासरथी और लिपिक विकास तिवारी ने सांठगांठ कर अपात्र लोगों को नौकरी दे दी है। जांच के बाद 12 में से 11 नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया, सिर्फ एक की नियुक्ति में गड़बड़ी नहीं मिली। इसके बाद दासरथी को निलंबित किया गया, जिस पर उन्होंने हाईकोर्ट से स्थगन ले लिया। इस समय वह विभाग में अपने सहायक संचालक के मूल पद पर काम कर रहे हैं। इसी तरह से क्लर्क तिवारी ने भी अपने आपको बहाल करा लिया।

नियुक्ति में गड़बड़ी करने की पुष्टि होने के बावजूद उक्त दोनों व अवैध रूप से नियुक्ति पाने वालों के विरुद्ध किसी तरह की पुलिस जांच की अनुशंसा नहीं की गई। इसकी शिकायत ईओडब्ल्यू से की गई। ईओडब्ल्यू ने प्रारंभिक जांच की और शासन से अपराध दर्ज करने की मांग की है। इसी क्रम में जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर ईओडब्ल्यू ने नियुक्ति की प्रक्रिया और विभागीय जांच से संबंधित सभी दस्तावेजों की मांग की है।

Exit mobile version