मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि, समाधान शिविर केवल एक सरकारी आयोजन नहीं, बल्कि शासन-प्रशासन की जनसामान्य के प्रति उत्तरदायित्व का जीवंत प्रमाण है। हमारी सरकार ने एक साल पूरा होने पर जनता के सामने रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया था और अब डेढ़ साल बाद फिर से जनता के बीच अपने कामकाज का रिपोर्ट दे रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, सुशासन तिहार के तहत दुर्ग 19 वां जिला है जहां वे सुशासन शिविर में शामिल होने के लिए पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि, औचक निरीक्षण और सुशासन शिविर में लोगों से फीडबैक पाकर इस बात की खुशी होती है कि हमारी सरकार ने डेढ़ सालों में जो काम किया है उसका लाभ जनता को मिल रहा है। मुख्यमंत्री साय ने बताया कि, मुरमुंदा शिविर में कुल 2630 आवेदन मिले, जिनमें से 2539 मामलों का मौके पर समाधान कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि शिविर में प्राप्त सभी आवेदनों का पूर्ण निराकरण किया जाएगा।
हमारी सरकार ने पूर्ववर्ती योजनाओं में सुधार कर धरातल पर लागू किया
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि, हमारी सरकार हर घर तक बिजली और नल से जल पहुंचाने का काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना में 18 लाख गरीब परिवारों के हक छीनने का काम किया। गरीबों से उनका घर और छत छीनने का काम करके पूर्ववर्ती सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना का बंटाधार कर दिया था। इसी तरह, नल-जल योजना में भी पिछली सरकार की अनियमितताओं का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव में टंकियां तो बना दी गईं, लेकिन पानी का कोई प्रबंध नहीं था। हमारी सरकार ने इन योजनाओं को सुधारा और धरातल पर लागू किया।