मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना : एससी,एसटी, ओबीसी, महिला और नक्सल पीडितो को पहले मिलेगा परमिट, दिव्य्नाग कर सकेंगे मुफ्त में सफ़र

रायपुर। मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना 2025 को लेकर सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए इस सेवा के संचालन के लिए नियम तैयार कर लिए हैं। खास बात ये है कि इन बसों के संचालन के लिए अनुज्ञा पत्र (परमिट), देने के मामले में एससी, एसटी, ओबीसी, महिला तथा नक्सल प्रभावितों के आवेदन को प्राथमिकता दी जाएगी। यही नहीं, दिव्यांग, 80 साल से अधिक आयु वाले, एड्स पीड़ितों को मुफ्त में यात्रा करने का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई कैबिनेट की बैठक में इस योजना के संचालन को मंजूरी दी गई थी।

इसलिए जरूरी है ये बस सेवा

छत्तीसगढ़ में ग्रामीण बस सेवा की जरूरत क्यों? दरअसल राज्य में हवाई एवं रेल सेवा का विस्तार किया जा रहा है, इसकी वजह से ग्रामीण लोगों को रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डों तक आवागमन की सुविधा मिलेगी। गांवों में रहने वाले किसान, काश्तकार, मजदूर, छोटे व्यापारी और ग्रामीण अपनी दैनिक. व्यावसायिक आवश्यकताओं के लिए खरीदी और अपने उत्पाद बेचने के लिए रोजगार के लिए जनपद, नगरीय क्षेत्र, तहसील मुख्यालय, जिला मुख्यालय के बाजारों में आसानी से पहुंच सकें। लोगों को दवा इलाज की जरुरत होते वे मुख्यालय तक आ सकें। इसके साथ ही राज्य के दूररजार के अनुसूचित एवं संवेदनशील क्षेत्रों के आम जनों तक शासकीय योजनाओं को को पहुंचाने में भी सहायता मिलेगी।

18 से 42 सीटर होंगी बसें

इस योजना के तहत चलने वाली बसों में सवारी की क्षमता 18 से 42 सीट तक होगी। बसों के संचालन के लिए राज्य स्तरीय समिति में परिवहन आयुक्त अध्यक्ष होंगे। जिला स्तरीय समिति में कलेक्टर अध्यक्ष होंगे। बस चलाने के लिए मार्ग के चिन्हांकन के लिए राज्य स्तरीय, जिला स्तरीय, एवं क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार की भूमिका तय की गई है। योजना के तहक राज्य के सभी गैर परिवहन सेवारत या कम परिवहन सेवा वाली ग्राम पंचायतों और गांवों में ग्रामीण बस संचालन किया जाएगा।

किसे मिलेगा बस चलाने का परमिट

सरकार ने इन बसों के संचालन के लिए जो नियम बनाए हैं, उसमें साफ किया गया है कि बसों के संचालन के लिए अनुज्ञापत्र, यानी परमिट देने के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जाएगी। योजना के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के सभी स्थानीय निवासी योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं। लेकिन एससी, एसटी, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाओं ओर नक्सल प्रभावितों के आवेदनों को प्राथमिकता दी जाएगी।

मिलेगी वित्तीय सहायता और रियायत भी

इस योजना के तहत बस संचालन करने वालों को वित्तीय सहायता देने का प्रावधान भी है। 18 से 42 सीटर बसों का संचालन करने पर पहले साल 26 रूपए प्रति किलोमीटर, दूसरे साल 24 रुपए और तीसरे साल 22 रुपए प्रति किलोमीटर वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसके साथ ही आम नागरिकों के लिए रियायत का प्रावधान रखा गया है। दृष्टिहीन व्यक्ति, बौद्धिक द्विव्यांग जो दोनों पेरों से चलने में असमर्थ हों, वरिष्ठ नागरिक 80 साल से अधिक आयु वाले, एड्स पीड़ित के लिए इन बसों में यात्रा मुफ्त होगी। नक्सल प्रभावित व्यक्ति को किराए में 50 प्रतिशत की छूट मिलेगी।

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