छत्तीसगढ़ का टमाटर जा रहा यूपी-बिहार : बेंगलुरु का टमाटर मिल रहा सस्ता, लोकल में अब भी 40-50 रुपए किलो

रायपुर। छत्तीसगढ़ में लोकल टमाटर की फसल आने के बाद भी एक माह में कीमत कम नहीं हुई है। इसकी सबसे वड़ी वजह यह है कि लोकल टमाटर उत्तरप्रदेश और बिहार ज्यादा जा रहा है। वहां की डिमांड के कारण यहां पर कीमत कम नहीं हो रही है। बीते साल नवंबर में लोकल टमाटर थोक में 5 से 10 रुपए और चिल्हर में 10 से 15 रुपए किलो बिक रहा था, लेकिन इस समय कीमत बीते साल से तीन गुना है। थोक में जहां कीमत 32 से 35 रुपए है, वहीं चिल्हर में यह 40 से 50 रुपए बिक रहा है। बेंगलुरु से आने वाले टमाटर की कीमत लोकल से कम है। अगर आने वाले समय में लोकल टमाटर की कीमत कम नहीं हुई तो थोक कारोबारी बाहर से ज्यादा माल मंगाने की तैयारी में हैं।

बेंगलुरु से टमाटर 20 से 25 रुपए किलो में पहुंचे:

बेंगलुरु का टमाटर यहां पर 20 से 25 रुपए किलो पहुंच रहा है। टमाटर की कीमत ने इस साल रुलाने का काम किया है।  इस बार इसकी कीमत सालभर कम-ज्यादा होती रही है। कभी कीमत 20 रुपए रही तो कभी कीमत 120 रुपए तक भी पहुंच गई। बीते माह दीपावली के पहले लोकल टमाटर की फसल आने से पहले टमाटर की कीमत 80 से 100 रुपए थी। दीपावली के बाद कीमत कम हुई और इस बात की संभावना थी कि नवंबर में लोकल फसल ज्यादा आने पर कीमत और कम होगी, लेकिन लोकल फसल आने के बाद कीमत कम जरूर हुई है, लेकिन कीमत अब भी ज्यादा है।

यूपी-बिहार जा रहा है ज्यादा माल

आमतौर पर लोकल टमाटर बाहर के राज्यों में ज्यादा नहीं जाता है, लेकिन इस बार यूपी और बिहार से डिमांड आने के बाद छत्तीसगढ़ का टमाटर वहां जा रहा है। वहां से किसानों को अच्छी कीमत मिल रही है, यही वजह है कि यहां पर भी ज्यादा कीमत में टमाटर बिक रहा है। आने वाले समय रहा है। आने वाले समय में कीमत के कम होने के आसार कम हैं। यही वजह है कि कारोबारी बाहर का टमाटर ज्यादा मंगाने की तैयारी में हैं। बीते साल प्रदेश की मंडी में कीमत न मिलने के कारण किसानों को टमाटर फेंकने भी पड़े थे, इसलिए जहां इस बाहर अपनी फसल बाहर के राज्यों में भेज रहे हैं, वहीं इस बार फसल भी कम लगाई गई है।

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