गणतंत्र-दिवस परेड में छत्तीसगढ़ की झांकी शामिल, कर्तव्यपथ पर गणतंत्र-दिवस परेड में दिखेगा बस्तर का मुरिया दरबार

रायपुर : नई दिल्ली में होने वाली गणतंत्र-दिवस परेड में इस बार प्रदेश की झांकी बस्तर की आदिम जनसंसद : मुरिया दरबार आकर्षण का केंद्र रहेगी। देश के 28 राज्यों के बीच कड़ी प्रतियोगिता के बाद झांकी का चयन हुआ है। राज्य की झांकी का अनूठा विषय और डिजाइन रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति को रिझाने में कामयाब हुआ है। कर्तव्यपथ पर होने वाली परेड के लिए देश के 28 में से 16 राज्यों का चयन हुआ है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य को मिली इस महत्वपूर्ण सफलता पर हर्ष जताते हुए एक बड़ा अवसर बताया है। राज्य की झांकी केंद्र सरकार की थीम भारत लोकतंत्र की जननी पर आधारित है। यह झांकी जनजातीय समाज में आदि-काल से उपस्थित लोकतांत्रिक चेतना और परंपराओं को दर्शाती है, जो आजादी के 75 वर्ष बाद भी बस्तर संभाग में जीवंत और प्रचलित है। इस झांकी में केंद्रीय विषय आदिम जन-संसद के अंतर्गत जगदलपुर के मुरिया दरबार और उसके उद्गम-सूत्र लिमऊ-राजा को दर्शाया गया है।

मुरिया दरबार विश्व-प्रसिद्ध बस्तर दशहरे की एक परंपरा है, जो 600 वर्षों से चली आ रही है। इस परंपरा के उद्गम के सूत्र कोंडागांव जिले के बड़े-डोंगर के लिमऊ-राजा नामक स्थान पर मिलते हैं। इस स्थान से जुड़ी लोककथा के अनुसार आदिम-काल में जब कोई राजा नहीं था, तब आदिम-समाज एक नीबू को राजा का प्रतीक मानकर आपस में ही निर्णय ले लिया करता था।

पांच चरण की प्रक्रिया के बाद मिली अंतिम स्वीकृति

झांकी की थीम और डिजाइन स्थानीय स्तर पर वृहद अन्वेषण और वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में तैयार की गई थी। विषय वस्तु पर आधारित झांकी को पांच चरणों की कठिन प्रक्रिया के बाद अंतिम स्वीकृति मिली है। रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति के सामने थीम और डिजाइन के चयन के बाद झांकी का थ्रीडी माडल प्रस्तुत किया गया। अंत में संगीत चयन के साथ ही झांकी को अंतिम स्वीकृति मिली। झांकी की थीम और डिजाइन ने चयनकर्ताओं को आकर्षित किया।

रक्षा मंत्रालय ने मंगाया था प्रस्ताव

परेड में शामिल होने वाली झांकियों के लिए सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, केंद्रीय मंत्रालय और विभागों से रक्षा मंत्रालय ने प्रस्ताव मंगाया था। अधिकारियों का कहना है कि झांकियों के चयन के लिए विशेषज्ञ समिति के साथ विभिन्न चरणों में कई बैठकें होती हैं। कमेटी में कला, संस्कृति, चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, वास्तुकला के क्षेत्र में प्रतिष्ठित व्यक्ति, कोरियोग्राफर आदि शामिल रहते हैं। विशेषज्ञ समिति थीम के आधार पर प्रस्तावों की जांच करती है। सिफारिश करने से पहले कमेटी द्वारा अवधारणा, डिजाइन और इसके दृश्य प्रभाव पर ध्यान दिया जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button