नक्सली विजय रेड्डी का शव लेने पंहुचा बेटा : 26 साल पहले छोड़ा था घर, बेटे ने कहा “पिता की मौत का दुःख नहीं”

मोहला-मानपुर। छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर जिले में बुधवार की देर शाम हुई एक बड़ी मुठभेड़ में पुलिस और केंद्रीय बलों ने नक्सल संगठन के दो बड़े नेताओं को ढेर कर दिया। यह मुठभेड़ मदनवाड़ा थाना क्षेत्र के बंडा पहाड़ इलाके में हुई. जिसमें कुल एक करोड़ 6 लाख के इनामी माओवादी मारे गए। वहीं स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्य विजय रेड्डी का शव लेने के लिए उसका बेटा सुगुलूरी रामकृष्ण आंध्रप्रदेश से जिला मुख्यालय मोहला पहुंचा।
मिली जानकारी के अनुसार, जिला मुख्यालय पहुंचते ही रामकृष्ण ने मोहला थाना जाकर पुलिस अधिकारियों के साथ आवश्यक कागजी कार्रवाई पूरी की। इसके बाद वह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मोहला पहुंचा, जहां से अपने पिता का शव औपचारिकताओं के बाद अपने कब्ने में लिया।
पिता की मौत का दर नहीं-रामकृष्ण
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मीडिया से बातचीत के दौरान रामकृष्ण ने कहा कि, मुझे अपने पिता की मौत का दुख नहीं है। जब मैं 2 साल का था तब पिता को देखा था, उसके बाद कभी उनसे मुलाकात नहीं हुई। उसने बताया कि, परिवार में मां और एक बड़ा भाई है, और सभी नानी के साथ रहते हैं। रामकृष्ण ने कहा कि, शव लेने के दौरान मोहला पुलिस से उसे पूरा सहयोग मिला और किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हुई।
दोनों बेटे उच्च शिक्षित
रामकृष्ण ने बताया कि, वह सिविल इंजीनियरिंग स्रातक है और आउटसोर्सिंग में काम करता है। उसका बड़ा भाई मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एम.टेक कर चुका है और वर्तमान में एक्सिस बैंक में कार्यरत है।
90 लाख का इनामी नक्सली था विजय रेड्डी
बता दें कि, मारे गए नक्सली विजय रेड्डी पर आंप्रप्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में कई संगीन अपराध दर्ज थे। इन राज्यों की सरकारों उस पर कुल 90 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।
पिता का शव लेकर बेटा आंध्रप्रदेश के लिए हुआ रवाना
विजय रेड्डी की सक्रियता नक्सली संगठन के उच्च स्तर तक थी और वह लंबे समय से दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य तथा आरकेबी डिवीजन कमेटी का संस्थापक था। मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिला पुलिस ने बुधवार की शाम बंडा पहाड़ इलाके में मुठभेड़ के दौरान उसे ढेर किया था। सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद रामकृष्ण शुक्रवार देर रात अपने पिता का शव लेकर आंध्रप्रदेश के लिए रवाना हो गया।