छत्तीसगढ़ की बेटी किरण पिस्दा का टीम इंडिया में सिलेक्शन, पहली बार एशिया कप में पहुंचा भारत

बालोद : कुछ कर गुजरने का जुनून, मेहनत और लगन हमें मुकाम तक जरूर पहुंचा देता है. ऐसी ही कहानी है छत्तीसगढ़ जिले के बालोद जिले की रहने वाली किरण पिस्दा की, जिन्होंने 15 साल की उम्र से फुटबॉल खेलन की शुरुआत की और पांच साल के भीतर उसकी मेहनत और लगन ने उन्हें इंटरनेशनल खिलाड़ी बना दिया. किरण पिस्दा बालोद नगर के कुंदरूपारा की रहने वाली हैं. उनके बड़े भाई ने स्कूल में पढ़ने के दौरान फुटबॉल खेलना शुरू किया था. भाई को फुटबॉल खेलता देख किरण का भी रुझान फुटबॉल के प्रति बढ़ता गया. इसके 6वीं कक्षा की पढ़ाई के दौरान 15 साल की उम्र से किरण ने भी फुटबॉल खेलने की शुरुआत की. लगातार अभ्यास और मेहनत के दम पर उन्होंने स्कूल टीम से खेलते-खेलते राज्य और राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा में हिस्सा लिया, जिससे उनका चयन ओपन गेम के लिए हुआ और ओपन स्टेट के बाद नेशनल गेम खेला.
2021 से बदली किस्मत
स्कूल की पढ़ाई के बाद वह अपने आगे की पढ़ाई के लिए रायपुर चली गईं. यहां भी उन्होंने फुटबॉल से अपने आप को अलग नहीं किया. इस दौरान 2021 में कोरोना काल के दौरान छत्तीसगढ़ में फुटबॉल विमेंस लीग का आयोजन हुआ, जिसमें छत्तीसगढ़ की छह टीमों ने हिस्सा लिया.इस आयोजन में भारत देश के फुटबॉल टीम के चयन करने लिए कोच पहुंचे थे, जिसमें किरण का प्रदर्शन देखकर 120 खिलाड़ियों में अकेले किरण का चयन भारत देश की महिला फुटबॉल टीम में सिनियर केटेगिरी पर हुआ.
2022 में पहली बार खेला इंटरनेशनल मैच
भारत देश की महिला फुटबॉल टीम में किरण का चयन होने के बाद किरण ने साल 2022 में पहली बार इंटरनेशनल मैच साउथ एशियन फुटबॉल चैम्पियनशिप खेला. इसमें सेमीफाइनल मैच में नेपाल के साथ हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद साल 2024 फ्रेंडली मैच खेल उस आयोजन में एशिया के पांच देश की टीमों ने हिस्सा लिया था, जिसमें किस्मत ने साथ नहीं दिया और भारत देश की टीम बारह हो गई.
पहली बार इंडिया की टीम खेलेगी एशिया कप
इस बार किरण और उनकी टीम का साथ किस्मत ने दिया और थाइलैंड में आयोजन हुए क्वालिफिकेशन मैच में मंगोलिया, टाइमॉरलेस्ट, इराक और थाईलेंड के मैदान में उन्हीं की टीम को 2-1 से हराकर चैंपियनशिप का खिताब इंडिया टीम ने हासिल किया. अब 2026 में ऑस्ट्रेलिया में आयोजित होने वाले एशिया कप के लिए भारतीय महिला फुटबॉल टीम का चयन हुआ है, जिसमें एशिया से 12 टीम शामिल होंगी.
भाई बने ट्रेनर और मैसी को माना आइडल
किरण ने जब शुरुआत में फुटबॉल खेलने की शुरूआत की तो उनके बड़े भाई ने प्रशिक्षण दिया, जिसके बाद सीमित संसाधन होने के बावजूद उन्होंने लगातार मेहनत कर अभ्यास किया. इस दौरान लगातार वह टीवी में चलने वाले फुटबॉल मैच को देखती थी और इंटरनेशनल फुटबॉल प्लेयर मैसी को अपना आइडल माना. किरण ने अपने घर पर मैसी का स्टीकर भी लगाया है. उन्होंने अब तक 15 नेशनल और 3 इंटरनेशनल मैच खेले हैं.