रायपुर। 4 दिसंबर यानी कल, छत्तीसगढ़ समेत देशभर के शासकीय और अशासकीय स्कूलों के कक्षा 3 से 9 तक के विद्यार्थियों के लिए राष्ट्रीय परख सर्वेक्षण परीक्षा आयोजित की जाएगी। यह परीक्षा शिक्षा विभाग द्वारा नहीं, बल्कि केंद्र सरकार द्वारा संचालित की जा रही है। इस परीक्षा के परिणाम से राज्य की शिक्षा व्यवस्था का आकलन किया जाएगा।
बता दें कि शिक्षा विभाग द्वारा हर स्तर पर व्यापक प्रशासनिक, प्रबंधकीय व अकादमिक तैयारी प्रारंभ करने के निर्देश दिये गये हैं ताकि सभी विद्यार्थी पूर्व तैयारी कर स्वयं को भी परख सके । परख-2024 आकलन कार्य सभी जिलों में शत-प्रतिशत क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मिशन समन्वयक तथा प्राचार्य डाइट को संयुक्त रूप से नोडल अधिकारी बनाया गया है । कुल 99 जिला स्तरीय अधिकारी जिले में परख क्रियान्वयन की जिम्मेदारी संभालेंगे । इसी तरह सभी 146 विकासखंडों में बीईओ, बीआरसीसी तथा संकुल प्राचार्य को संयुक्त जिम्मेदारी सौंपते हुए नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
ये हैं उद्देश्य
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत देश भर में एक साथ होने जा रहे इस सर्वेक्षण का प्राथमिक उद्देश्य स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2023 के साथ उच्च गुणवत्ता युक्त वैश्विक मूल्यांकन विकसित करना है। बता दें केंद्र शासन द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 छत्तीसगढ़ में भी लागू किया जा चुका है।
परीक्षा के आधार पाठ्यक्रम
इस राष्ट्रीय सर्वेक्षण में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों के अनुरूप कक्षा तीन, छह एवं नौ में आधारभूत प्रारंभिक एवं मध्य चरणों के अंत में छात्रों की दक्षता का आकलन किया जा रहा है।
बच्चे देंगे परीक्षा, परिणाम इनका
यह सर्वेक्षण छत्तीसगढ़ के मात्र छात्रों का नहीं बल्कि, शिक्षक, स्कूल तथा संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था का मूल्यांकन सिद्ध होगा, जिसके आधार पर भविष्य में राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ सहित अन्य सभी राज्यों की शैक्षिक गुणवत्ता का श्रेणी निर्धारण भी होगा।
इस तरह होगी परीक्षा
परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण में कक्षा 3 के लिए भाषा, गणित एवं हमारे आसपास की दुनिया से 90 मिनट में 45 प्रश्न पूछे जाएंगे। कक्षा 6 के लिए उक्त विषयों से संबंधित 51 प्रश्न 90 मिनट में पूछे जाएंगे। कक्षा 9 में भाषा, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान के 60 प्रश्न 120 मिनट में हल करने होंगे। परीक्षार्थियों को एक ही प्रश्न पत्र दिया जाएगा। परख मूल्यांकन में माइनस मार्किंग नहीं होगी।
भाषा के अनुसार प्रश्न पत्र
केंद्र सरकार के नियमानुसार जिस माध्यम की शाला चयनित की गई, उस माध्यम की प्रथम भाषा पर सर्वे प्रश्नपत्र होगा। यदि अंग्रेजी माध्यम की कई शाला सैंपल शाला के रूप में चयनित की जाती हैं, तो वहाँ अंग्रेजी भाषा में आकलन परीक्षा निर्धारित होगी।
परीक्षा में कौन कौन?
राज्य में परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 के लिए सैंपल शालाओं के रूप में जिले की शासकीय सहित राज्य शासन से अनुदान प्राप्त शालाओं, गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय शालाओं, केंद्रीय, नवोदय विद्यालयों को सीधे भारत शासन, स्कूल शिक्षा मंत्रालय नई दिल्ली द्वारा चयनित व निर्धारण किया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य के लिए 33 जिलों में कुल 3420 को चुना गया है।
कौन होंगे पर्यवेक्षक
इस मूल्यांकन सर्वेक्षण या परीक्षा की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि मूल्यांकन कार्य की पारदर्शिता और निष्पक्षता के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के शासकीय या अशासकीय किसी भी शिक्षक को परीक्षक या पर्यवेक्षक के रूप में कार्य में नियुक्त नहीं किया जाएगा, बल्कि परीक्षा का मूलभूत कार्य राज्य के शासकीय डाइट कॉलेज में छात्राध्यापक या प्रशिक्षु शिक्षक अर्थात् अध्ययनरत डीएलएड, बीएड एवं एमएड के प्रशिक्षणार्थियों द्वारा संपन्न कराया जाएगा। विशेष परिस्थिति में शासकीय कॉलेज के विद्यार्थी, अशासकीय प्रशिक्षण संस्थाओं के डीएलएड, बीएड, एमएड प्रशिक्षणार्थियों को लिया जा सकेगा।
इनके कंधों में ज़िम्मेदारी
परीक्षा कार्य संपन्न कराने वाले ऐसे लगभग 3800 छात्राध्यापकों को जिले के 33 डाइट के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे सुचारू रूप से परीक्षा कार्य बिना बाधा के पूरा करा सकें।
केंद्र सरकार के ऑब्ज़र्वर करेंगे मॉनिटरिंग
इस सर्वेक्षण के पारदर्शी क्रियान्वयन के लिए भारत सरकार द्वारा सीबीएसई के प्रशासनिक व अकादमिक अमले को ऑब्जर्वर के रूप में नियुक्त किया गया है जो प्रत्येक निर्धारित परीक्षा केंद्र (चयनित शाला) में मॉनिटरिंग करेंगे।
राज्य के विद्यार्थी अपनी शैक्षिक दक्षता का राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकें, इसके लिए परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण की पूर्व तैयारी के रूप में एससीईआरटी तथा समग्र शिक्षा राज्य परियोजना कार्य द्वारा राज्य के सभी स्कूलों के कक्षा 3, 6 तथा 9 के विद्यार्थियों को प्रश्न बैंक एवं रीडिंग कार्ड उपलब्ध कराया गया है। उनके लिए विशेष तौर पर सभी निजी व सरकारी स्कूलों में मॉक टेस्ट का विशेष आयोजन किया जा रहा है।
इस कार्य में राज्य के लगभग 146 निजी शिक्षा महाविद्यालयों के 19000 छात्र अध्यापकों का भी स्वैच्छिक सहयोग लिया जा रहा है। इसके अलावा राज्य के सभी बीआरसीसी, सीआरसीसी, प्राचार्य (हाई व हा.से.), प्रधान पाठक तथा विषय शिक्षकों को मार्गदर्शन देकर प्रशिक्षित किया जा रहा है।