रायपुर I एनीमिया मुक्त भारत अभियान से पीड़ित बच्चों, किशोरों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को आईएफए (आयरन फोलिक एसिड) सप्लीमेंट देने में छत्तीसगढ़ देश में तीसरे स्थान पर है। देश भर में छत्तीसगढ़ से आगे आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र ही हैं।
एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत छह माह से 19 वर्ष तक के बच्चों व गर्भवती व धात्री महिलाओं को आईएफए की खुराक दी जाती है। मितानिन छोटे बच्चों के लिए आयरन और फोलिक एसिड सिरप और गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए टैबलेट उपलब्ध कराती हैं। इसके साथ ही स्कूलों में बच्चों को आईएफए की दवाइयां दी जाती हैं।
एनीमिया मुक्त भारत अभियान के हिस्से के रूप में, भारत सरकार हर महीने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में IFA सप्लीमेंट स्कोरकार्ड जारी करती है।
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केंद्रीय स्वास्थ्य और कल्याण मंत्रालय ने हाल ही में जुलाई, अगस्त और सितंबर के महीनों में देश भर में आईएफए पूरकता पर एक रिपोर्ट जारी की। इस हिसाब से छत्तीसगढ़ इन महीनों में देश में लगातार तीसरे स्थान पर रहा है।
एनीमिया मुक्त भारत राज्य नोडल अधिकारी डॉ. वी.आर. भगत ने कहा कि –
उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, तमिलनाडु जैसे कई बड़े राज्यों को पीछे छोड़ते हुए छत्तीसगढ़ एनीमिया के लिए आईएफए सप्लीमेंट में लगातार तीसरे स्थान पर है। इस अभियान ने पिछले कुछ महीनों में राज्य में गति पकड़ी है। जून 2022 तक छत्तीसगढ़ देश में छठे स्थान पर था।
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भारत सरकार द्वारा सितंबर 2022 तक जारी IFA पूरकता पर राज्य के आंकड़ों के अनुसार, 6 महीने से 59 महीने के आयु वर्ग के 66.4 प्रतिशत बच्चों और पांच से नौ वर्ष के आयु वर्ग के 71.5 प्रतिशत बच्चों को IFA पूरकता प्रदान की गई थी।
छत्तीसगढ़ में साल इस अवधि के दौरान, 10-19 आयु वर्ग के 74.6 प्रतिशत बच्चों और किशोरों, 95 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं और 61.6 प्रतिशत स्तनपान कराने वाली माताओं को आईएफए की खुराक मिली। इन सभी समूहों को मिलाकर देखें तो छत्तीसगढ़ में कुल आईएफए सप्लीमेंटेशन स्कोर 73.8 प्रतिशत है।