CG News : ओडिशा से छत्तीसगढ़ में तेंदूपत्ता खपाने की कोशिश नाकाम, 110 बोरा जब्त, बड़ा सिंडिकेट बेनकाब

CG News / गरियाबंद। ओडिशा से छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती फड़ों में तेंदूपत्ता खपाने की कोशिश एक बार फिर बेनकाब हुई है। भले ही छत्तीसगढ़ के वन अधिकारी इस तरह की किसी भी गतिविधि से इनकार कर रहे हों, लेकिन ओडिशा की सीमा पर कालाहांडी के धर्मगढ़ रेंज में शुक्रवार शाम ग्रामीणों ने एक मेटाडोर को पकड़ा, जिसमें 110 बोरा सूखा तेंदूपत्ता भरा हुआ था। यह मेटाडोर (क्रमांक CG 04 JD 3319) छत्तीसगढ़ के रायपुर में पंजीकृत है और देवभोग रेंज के एक फड़ में पत्तों की एंट्री के इरादे से लाया जा रहा था।

ग्रामीणों की सूचना पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारियों ने वाहन जब्त कर लिया, लेकिन चालक मौके से फरार हो गया। हालांकि, वाहन के हेल्पर को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। प्रारंभिक पूछताछ में खुलासा हुआ है कि जब्त तेंदूपत्ता कालाहांडी जिले के लडू गांव रेंज से लाया जा रहा था। वाहन में किसी प्रकार का वैध दस्तावेज नहीं मिला।

सिंडिकेट की संलिप्तता, पंचायत पत्र से गहराया संदेह

जांच के दौरान वाहन से पीपलझापर ग्राम पंचायत का एक प्रस्ताव भी मिला है, जिसमें पंचायत की सहमति से तेंदूपत्ता देवभोग समिति में भेजने की बात लिखी गई है। इससे शक गहराता है कि इस काम में पंचायत स्तर से लेकर लघु वनोपज संस्थानों तक की मिलीभगत हो सकती है। सूत्रों की मानें तो तेंदूपत्ता की फर्जी खरीदी संग्राहकों के नाम पर दिखाकर एंट्री पहले ही कर दी गई थी।

सरकार को होता पांच गुना नुकसान

जानकारी के अनुसार जब्त तेंदूपत्ता की कीमत ओडिशा में एक से सवा लाख रुपये है, लेकिन अगर इसे छत्तीसगढ़ में संग्राहकों के नाम पर वैध दिखा दिया जाता, तो राज्य सरकार को इसके एवज में करीब 4 लाख 95 हजार रुपये का भुगतान करना पड़ता। यानी, सरकार को पांच गुना ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती।

देवभोग रेंज बेखबर, वन अमले की सक्रियता पर सवाल

हैरानी की बात यह है कि इतनी बड़ी मात्रा में तेंदूपत्ता खपाने की कोशिश की जानकारी देवभोग रेंज के अधिकारियों को 20 घंटे बाद भी नहीं थी। वहीं, झाखरपारा समिति से जुड़ी खरीदी की जानकारी भी विभाग के पास नहीं थी। यह दर्शाता है कि बड़े सिंडिकेट की मिलीभगत से यह पूरा खेल रचा जा रहा है।

डीएफओ बोले – कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली

इस पूरे मामले पर डीएफओ लक्ष्मण सिंह का कहना है कि उन्हें अभी तक इस कार्रवाई की कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है। अगर छत्तीसगढ़ क्षेत्र से इसका कोई संबंध पाया गया, तो आवश्यक जांच कर कार्रवाई की जाएगी।

 

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