Raipur : प्रदेश के राइस मिलर्स ने सरकार से अपनी मांगों पर सहमति मिलने के बावजूद बकाया भुगतान, एसएलसी दर से परिवहन भुगतान और अन्य प्रमुख मुद्दों का समाधान न होने पर इस माह की 20 तारीख से कस्टम मिलिंग कार्य में असहयोग का निर्णय लिया है।
आज 12 दिसंबर को रायपुर के श्री राम मंदिर वीआईपी रोड में आयोजित वृहद बैठक में प्रदेशभर से करीब 2500 मिलर्स ने भाग लिया। बैठक की अध्यक्षता प्रदेश एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश अग्रवाल ने की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार की हालिया कैबिनेट बैठक में चावल उद्योग से संबंधित कई मुद्दों पर निर्णय लिया गया। इनमें वर्ष 2024-25 के लिए प्रोत्साहन राशि को ₹80 प्रति क्विंटल करने और 2023-24 की प्रोत्साहन राशि की एक किस्त जारी करने का निर्णय शामिल था।
हालांकि, मिलर्स की प्रमुख मांग, 2022-23 की प्रोत्साहन राशि की किस्त और एसएलसी दर से भुगतान का मुद्दा कैबिनेट में शामिल नहीं किया गया। मिलर्स ने इसे वादा खिलाफी बताते हुए नाराजगी जताई।
बैठक में उपस्थित मिलर्स ने कहा कि कैबिनेट से अपनी मांगों के पूरे होने की उम्मीद थी, लेकिन फैसले ने पूरे प्रदेश के मिलर्स को निराश कर दिया। उन्होंने राज्य सरकार से तत्काल हस्तक्षेप कर समस्याओं का समाधान करने की अपील की ताकि किसानों और उद्योग दोनों को कोई असुविधा न हो।
मिलर्स ने अपनी खराब आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए बताया कि बकाया भुगतान न मिलने के कारण उनके पास बैंक गारंटी और चावल जमा करने के लिए धन नहीं है। एसोसिएशन ने कई बार पत्राचार और जनप्रतिनिधियों के माध्यम से अपनी समस्याएं सरकार के समक्ष रखी हैं, लेकिन समाधान अब तक नहीं हुआ।
बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि यदि उनकी मांगों को शीघ्र पूरा नहीं किया गया तो वे कस्टम मिलिंग कार्य में असहयोग करेंगे। मिलर्स ने सरकार से अपील की कि सहमति प्राप्त मुद्दों पर तत्काल अमल किया जाए ताकि कस्टम मिलिंग कार्य बिना बाधा के सुचारू रूप से चल सके।