2161 करोड़ का छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: ED ने स्पेशल कोर्ट में 3841 पन्नों की चार्जशीट पेश की, पूर्व मंत्री कवासी लखमा समेत 21 आरोपी

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2161 करोड़ के शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने स्पेशल कोर्ट में 3841 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। इस मामले में जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा समेत 21 लोगों को आरोपी बनाया गया है। अगली सुनवाई 22 मार्च को तय की गई है।

पूर्व मंत्री समेत कई बड़े नाम आरोपी

ED की चार्जशीट में कारोबारी अनवर ढेबर, पूर्व IAS अनिल टुटेजा, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, छत्तीसगढ़ डिस्टलरी, वेलकम डिस्टलरी, टॉप सिक्योरिटी, ओम साईं ब्रेवेरेज, दिशिता वेंचर, नेस्ट जेन पावर, भाटिया वाइन मर्चेंट और सिद्धार्थ सिंघानिया समेत 21 नामों को आरोपी बनाया गया है।

कवासी लखमा की भूमिका

चार्जशीट के मुताबिक, कवासी लखमा को शराब घोटाले की पूरी जानकारी थी और उन्होंने आबकारी नीति बदलवाने में अहम भूमिका निभाई। घोटाले से लखमा को हर महीने 1.50 करोड़ रुपए मिलते थे। दस्तावेजों पर हस्ताक्षर के बदले वह 50 लाख रुपए तक की रकम लेते थे। यह भ्रष्टाचार का खेल 36 महीने तक चला, जिससे 72 करोड़ रुपए की अवैध कमाई हुई।

गिरफ्तारी और रिमांड का सिलसिला

ED ने 15 जनवरी को लखमा को गिरफ्तार किया था। उनसे दो बार पूछताछ के बाद 7 दिन की कस्टोडियल रिमांड पर रखा गया। 21 जनवरी से वह न्यायिक हिरासत में हैं। पिछले पेशी के दौरान सुरक्षा व्यवस्था की कमी के कारण लखमा को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया था।

कैसे हुआ घोटाला?

घोटाले की जड़ें 2017 से शुरू हुई आबकारी नीति में बदलाव से जुड़ी हैं। 2019 के बाद अनवर ढेबर ने CSMCL के MD पद पर अरुणपति त्रिपाठी को नियुक्त करवाया। इसके बाद एक आपराधिक सिंडिकेट बनाकर अधिकारियों, कारोबारियों और राजनेताओं के साथ मिलकर अवैध वसूली और भ्रष्टाचार का बड़ा खेल खेला गया।

ED ने अपनी जांच में बताया कि छत्तीसगढ़ डिस्टलरी को 48%, भाटिया वाइन मर्चेंट को 28%, और वेलकम डिस्टलरी को 24% शराब आपूर्ति का ठेका दिया गया। इससे हर महीने करोड़ों की अवैध कमाई हुई, जिसे बड़े नेताओं और अधिकारियों तक पहुंचाया गया।

अब इस घोटाले की अगली सुनवाई 22 मार्च को होगी, जहां कोर्ट मामले की आगे की सुनवाई करेगी।

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