पानी-पानी हुआ छत्तीसगढ़ : ज्यादातर नदियां खतरे के निशान के ऊपर, गंगरेल से छोड़ा गया पानी

रायपुर : छत्तीसगढ़ में बीते दो दिनों से भारी बारिश हो रही है। भारी बारिश की वजह से नदी- नाले उफान पर हैं और कई जिलों में बाढ़ के हालात निर्मित हो गए हैं। भारी बारिश से जनजीवन अस्त- व्यस्त हो गया हैं और लोगों के घरों में पानी भर गया है। राजधानी रायपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में नदियां खतरे के निशान से उपर हैं। मौसम विभाग ने आज (मंगलवार को) भी 9 जिलों में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है।

भारी बारिश से जलमग्न हुई राजधानी रायपुर 

राजधानी रायपुर में मंगलवार की रात हुई बारिश से कई इलाकों की सड़कें डूब गई हैं। बारिश से पहले जलभराव को लेकर अधिकारियों ने कई बैठक की गई थी। लेकिन नगर निगम की सारी तैयारियां और दावे फेल नजर आए। कई घरों पानी भर चुका है और पॉश कॉलोनियों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी और जनप्रतिनिधियों को भी पता है। लेकिन यहां के सिवरेज सिस्टम में अबतक सुधार नहीं हो सका है। सेक्टरों में  बाइक के पहिए डूब गए हैं। गुढ़ियारी के पास जिनके घर सड़क से लगे थे, उनके कमरों में नाली का बदबूदार पानी घुस गया है।

राजनांदगाव के जिला अस्पताल में भरा पानी 

राजनांदगाव शहर के बसंतपुर स्थित जिला अस्पताल में बारिश का पानी भर गया है। भारी बारिश के कारण अस्पताल के अंदर के सभी वार्ड जलमग्न हो गए हैं। भारी बारिश ने इंफ्रास्ट्रक्चर की पोल खोलकर रख दी है। जिससे मरीज और उनके परिजन परेशान हो रहे हैं। वहीं भारी बारिश की वजह से बागनदी थाना जलमग्न हो गया है। रात भर हुई भारी बारिश के कारण थाने में पानी भर गया है। पुलिस स्टाफ, जवान और ग्रामीणों की मदद से पानी बाहर निकाला जा रहा है। भारी बारिश की वजह से थाने में कमर तक पानी भर गया है।

कवर्धा में निरीक्षण करने पहुंचे गृहमंत्री विजय शर्मा 

कवर्धा में कल शाम से लगातार बारिश हो रही है। बारिश से नदी नाले उफान पर है। जिसके बाद सूबे के डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने पहुंचे। कबीरधाम के ग्राम खोलवा विकासखण्ड लोहारा, ग्राम सिंघनपुरी के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण किया और लोगों मुलाकात कर बातचीत की है। साथ ही राहत एवं बचाव कार्य को तेजी से संचालित करने के निर्देश भी दिए।

गंगरेल बांध में छोड़ा गया एक लाख अठारह हजार क्यूसेक पानी

कांकेर के दूध नदी में बाढ़ का पानी गंगरेल बांध में छोड़ा गया है। जहां केचमेंट एरिया से बांध में एक लाख अठारह हजार क्यूसेक पानी आया है। जिसके बाद बांध के गेट खोलकर नदी में 24 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इस सीजन में पहली बार एक लाख क्यूसेक के पार पानी आया है। 32 टीएमसी क्षमता वाले बांध में 30 टीएमसी पानी भर चुका है। गंगरेल बांध का जलस्तर खतरे के बाहर है और महानदी के आसपास गांवो में अलर्ट जारी किया गया है।

इंद्रावती नदी ने लिया रौद्र रूप, खतरे के निशान के उपर 

बस्तर की जीवनदायनी इंद्रावती नदी ने रौद्र रूप अपना लिया है और जल स्तर खतरे के निशान से उपर आ गया है। डेंजर लेवल 14 मीटर सेकेंड है और वर्तमान समय पर 14.800 मीटर पर जल स्तर है। सेकेंड डेंजर लेवल पार करते ही दर्जनों गांव डुबान में आ जाएंगे। प्रभावित गांवों के लिए प्रसासन ने एलर्ट जारी किया है। तिमेड सीमा पर जवानों को तैनात किया गया है और सुरक्षा के इंतजाम किये गए हैं।

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