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छत्तीसगढ़ विजन 2047 नवा अंजोर को साकार करने में जुटी साय सरकार, नई औद्योगिक विकास नीति से संवर जाएगी राज्य की भाग्य रेखा

रायपुर : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी को शब्दशः पूरा करने वाली छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार ने बहुत कम समय में ही विकास के हर क्षेत्र में सफलता का परचम लहरा दिया है. भारत सरकार के विजन 2047 की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए साय सरकार ने छत्तीसगढ़ में नई औद्योगिक विकास नीति लाकर प्रदेश में ख़ुशहाली का एक माहौल खींचा है. मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में प्रदेश के नवीन औद्योगिक विकास नीति 01 नवबंर 2024 से 31 मार्च 2030 तक के लिए लागू की गई है.

नई औद्योगिक विकास नीति के औद्योगिक निवेश व अन्य उत्साहवर्धक प्रावधान

औद्योगिक विकास की दिशा में राज्य के बढ़ते कदम को देखते हुए पूरी-पूरी उम्मीद की जा सकती है कि इस बड़े अंतराल में आसानी के साथ राज्य का काया कल्प हो जाएगा. नई औद्योगिक विकास नीति को इस दिशा में अपना भविष्य देखने वाले युवाओं के लिए एक अच्छी शुरुआत समझी जा सकती है, जिसमें निवेश प्रोत्साहन में ब्याज अनुदान, लागत पूंजी अनुदान, स्टाम्प शुल्क छूट, विद्युत शुल्क छूट के अलावा मूल्य संवर्धित कर प्रतिपूर्ति का प्रावधान भी है. इसके अलावा राज्य के अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला उद्यमियों, सेवानिवृत्त अग्निवीर सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों, पैरामिलिट्री, नक्सल प्रभावित, कमजोर वर्ग और तृतीय लिंग के उद्यमियों को अधिक से अचिक प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान है.

राज्य सरकार के द्वारा ऐसी भरसक कोशिश की जा रही है कि नई औद्योगिक विकास नीति के लाभ से कोई वर्ग वंचित ना रहे इसके लिए नई औद्योगिक विकास नीति में पहली बार सेवा क्षेत्र के तहत एमएसएमई सेवा उद्यम और वृहद सेवा उद्यमों के लिये भी प्रोत्साहन का प्रावधान है.

सेवा क्षेत्र में इंजीनियरिंग सर्विसेस, रिसर्च एंड डेव्हलपमेंट सेक्टर, पर्यटन और मनोरंजन सेक्टरों से संबंधित गतिविधियों को शामिल करके राज्य की एक बड़ी आबादी को लाभान्वित करने की कोशिश की जा रही है. बड़ी संख्या में सेवा श्रेणी के उद्यमों को औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन के लिये पात्र उद्यम माना गया है. पर्यटन, मनोरंजन एवं अन्य सामाजिक सेवाओं के सेक्टर के साथ ही साथ सरगुजा और बस्तर संभाग में होम-स्टे सेवाओं को भी शामिल कर छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने राज्य के एक बड़े वर्ग को इससे लाभान्वित करने का काम किया है.

भारत सरकार द्वारा परिभाषित एमएसएमई के अनुरुप ही नई औद्योगिक विकास नीति में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की परिभाषा को यथावत रखते हुए उनके लिए अलग- अलग औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन प्रावधान किए गए हैं.राज्य में बढ़ता उद्योग निवेश प्रदेश के विकसित होने के संकेत है.

नई औद्योगिक विकास नीति में छुपा युवाओं का सुनहरा भविष्य

छत्तीसगढ़ की दूरदर्शी और संवेदनशील साय सरकार की नई औद्योगिक विकास नीति से प्रदेश के युवा अब आसानी से स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ कर आत्मनिर्भर बन सकेंगें इसके लिये उद्यम क्रांति योजना का प्रावधान किया गया है. उद्यम क्रांति योजना राज्य के उन शिक्षित युवा बेरोजगारों के लिए संजीवनी बन रही है जो बेरोज़गारी की मार से बेहाल हो चुके थे, उनके लिए साय सरकार ने 50 प्रतिशत सब्सिडी के साथ ब्याजमुक्त ऋण प्रदान करने का प्रावधान रखा है.

छत्तीसगढ़ के युवाओं के भविष्य और राज्य की समृद्धि के लिए औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से कई प्रावधान किए जा रहे हैं नई नीति में 1000 से अधिक रोजगार देने वाली इकाइयों के लिए बी-स्पोक पॉलिसी और प्रति व्यक्ति 15,000 तक प्रशिक्षण अनुदान जैसे प्रावधान भी शामिल हैं, जिसका लक्ष्य अगले 5 वर्षों में 5 लाख नए रोजगार सृजित करना है. बेरोज़गार प्रशिक्षित उद्यमियों के लिए ऐसा पहली बार विचार किया जा रहा है.

राज्य सरकार का यह कदम निवेशकों के लिए बड़ा आकर्षण और राज्य के प्रशिक्षित युवाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है. देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राज्य की साय सरकार की यही सोच है कि युवाओं के हाथ काम से ख़ाली ना हों. प्रदेश की साय सरकार की सफल योजनाओ के चलते उनके प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है. प्रदेश में अब ट्रिपल इंजन की सरकार काम कर रही है ऐसा माना जा रहा है कि अब छत्तीसगढ़ को सर्वांगीण विकास से कोई नही रोक सकता.

राज्य में नई औद्योगिक विकास नीति का सम्पूर्ण प्रसार

नई औद्योगिक विकास नीति राज्य के सुदूर अंचल तक भी पहुँचे और इसके लाभ से समाज के अंतिम पंक्ति का व्यक्ति भी लाभान्वित हो इसके लिए प्रदेश की साय सरकार ने राज्य के सभी क्षेत्रों के समग्र, संतुलित और समावेशी औद्योगिक विकास को ध्यान में रखकर विकासखंडों को तीन समूहों में वर्गीकृत किया गया है. पहले समूह में 10 विकासशील विकासखंड, दूसरे समूह में 61 पिछड़े विकासखंड और तीसरे समूह में 75 औद्योगिक के मामले में अति पिछड़े विकासखंडों को शामिल किया गया है.

निवेशकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र छत्तीसगढ़

प्राकृतिक खनिज संसाधनों से भरपूर छत्तीसगढ़ में उद्योग धंधे स्थापित करने की भरपूर संभावनाएं हैं. राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के उद्योग विभाग द्वारा भारत की राजधानी नई दिल्ली के अलावा मुम्बई एवं बैंगलुरू में इन्वेस्टर कनेक्ट मीटिंग का आयोजन किया जिसमें बड़ी संख्या में निवेशकों ने राज्य की नई औद्योगिक नीति से प्रभावित होकर छत्तीसगढ़ में उद्योग लगाने और निवेश करने की अपनी मंशा जाहिर की है.मार्च 2025 में बैंगलुरू में आयोजित इन्वेस्टर कनेक्ट मीट में इंजीनिरिंग टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक, आईटी/आईटीईस, खाद्य प्रसंस्करण और ग्रीन फ्यूल क्षेत्रों के कई बड़ी कंपनियों ने 3700 करोड़ के निवेश प्रस्ताव सौंपे हैं.

छत्तीसगढ़ ने वित्तीय वर्ष 2025 में औद्योगिक निवेश के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. एक रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 218 नई परियोजनाओं में 1,63,749 करोड़ रूपए का निवेश आया है, जो देश के कुल निवेश का 3.71 प्रतिशत है. इस नए आँकड़ों के साथ छत्तीसगढ़ राज्य देश के टॉप टेन निवेश वाले राज्यों में शामिल हो गया है. वर्ष 2024 में हुए निवेश को मिलाकर राज्य में अब तक 4.4 लाख करोड़ रूपए का औद्योगिक निवेश हो चुका है.मुंबई में आयोजित समिट में 6000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिला है.

छत्तीसगढ़ को अमेरिका और रूस के कॉन्सल जनरल से विदेशी प्रत्यक्ष निवेश की सहमति भी मिल चुकी है. दिल्ली में 15,184 करोड़ और बेंगलुरु में ऊर्जा क्षेत्र में मिली निवेश की सहमति ने छत्तीसगढ़ की औद्योगिक क्षमता वैश्विक कर दिया है . मुख्यमंत्री साय ने उद्योगपतियों को आश्वस्त किया कि “छत्तीसगढ़ सरकार पारदर्शी और निवेशक अनुकूल नीतियों के साथ हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी.”

छत्तीसगढ़ ने पहली बार सेमीकंडक्टर, डेटा सेंटर, और एआई आधारित उद्योगों के लिए निवेश प्रस्ताव प्राप्त किए हैं. नवा रायपुर में हाल ही में राज्य के पहले सेमीकंडक्टर प्लांट का भूमिपूजन हुआ, जो तकनीकी नवाचार की दिशा में एक बड़ा कदम है. नैसकॉम के साथ हुए समझौते के साथ नया रायपुर को बेंगलुरु और हैदराबाद की तर्ज पर आईटी हब के रूप में विकसित करने की साय सरकार की योजना नि:संदेह राज्य के औद्योगिक विकास में एक मील का पत्थर साबित होगी .

उद्योग निवेश को बढ़ावा देने उठाए गए महत्वपूर्ण कदम

उद्योग विभाग के समन्वय से प्रदेश में जुलाई 2025 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के सेमीनार का आयोजन किया गया था. इस सेमीनार में स्थानीय उद्योगों और कंपनियों को शेयर मार्केट के माध्यम से निवेश प्राप्त करने के लिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग करने हेतु मार्गदर्शन दिया गया. स् इस सेमीनार में निवेश के इच्छुक उद्योग और कंपनियों को उनके एनएसई रजिस्ट्रेशन, हैंड हैंडलिंग, तकनीकी गाईड करना, उनका डॉक्यूमेंटेशन तैयार करने संबंधी सारी प्रक्रिया की बेसिक जानकारी दी गई जिसका भरपूर लाभ राज्य के उद्योग जगत को मिला है .

छोटे और मध्यम उद्योग अर्थव्यवस्था के लिए नई ऊर्जा का स्त्रोत होते हैं. छत्तीसगढ़ राज्य में लगभग 600 बड़ी कंपनियां संचालित है और देश में 2512 कंपनियां रजिस्टर्ड है. इन कम्पनियों की कुल बाजार पूंजी 464.38 लाख करोड़ है. अब यह उम्मीद जागती है कि छत्तीसगढ़ की साय सरकार के कुशल नेतृत्व और निर्णय कौशल से आगामी वर्षों में देश की कुल बाजार पूंजी में छत्तीसगढ़ का भी योगदान निरंतर बढ़ता रहेगा. प्रदेश में निवेश को लेकर आगे भी इस तरह के सेमीनारों का आयोजन होगा और राज्य का निवेश प्रोत्साहन बोर्ड इस दिशा में निरंतर कार्य करेगा.

एक नवंबर 2024 से लागू नई औद्योगिक नीति 2024-30 में न्यूनतम शासन, अधिकतम प्रोत्साहन के सूत्र को अपनाया गया है, जिसके तहत सिंगल विंडो सिस्टम 2.0, ऑनलाइन आवेदन, और त्वरित प्रोसेसिंग जैसी सुविधाएं निवेशकों को और भी आकर्षित कर रहा है.सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 के जरिए सभी स्वीकृतियां और लाइसेंस आसानी से उपलब्ध हैं, इस के साथ ही सब्सिडी जारी करने की प्रक्रिया 7 दिनों के भीतर ही पूरी कर ली जा रही है. इस सुविधा ने छोटे-बड़े सभी उद्योगपतियों के लिए छत्तीसगढ़ को निवेश के लिए एक पसंदीदा राज्य बना दिया है.

नई उद्योग नीति में फार्मास्यूटिकल्स, आईटी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), ग्रीन हाइड्रोजन, सेमीकंडक्टर, और पर्यटन जैसे क्षेत्रों को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है. इन उद्योगों को 30-50 प्रतिशत सब्सिडी, 5 से 12 साल तक कर छूट, और ब्याज अनुदान जैसे प्रावधानों ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है.

मुख्यमंत्री साय ने कहा है कि हमारा लक्ष्य अमृतकाल-छत्तीसगढ़ विजन 2047 नवा अंजोर के तहत विकसित भारत के निर्माण में अपना योगदान देना है. इन निवेशों से न केवल आर्थिक प्रगति को गति मिलेगी, बल्कि हजारों युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी प्राप्त होंगे. छत्तीसगढ़ अब नक्सल प्रभावित छवि से बाहर निकलकर एक औद्योगिक और तकनीकी हब के रूप में उभर रहा है. राज्य नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है, जो देश के आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान देगा.

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