रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है. कुछ ही महीनों में चुनाव आयोग की तरफ से चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया जाएगा. इस बात की उम्मीद की जा रही है कि Chhattisgarh Assembly Election दिसंबर तक करवाए जा सकते हैं. ये चुनाव बहुत दिलचस्प होने वाला है, क्योंकि इसमें कांग्रेस, बीजेपी जैसी पार्टियों की तरफ से दमखम तो देखने को मिलेगा ही साथ ही साथ छोटे दल भी अपनी ताकत को दिखाने वाले हैं.
वैसे तो छत्तीसगढ़ में चुनावी मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही देखने को मिलेगा. लेकिन इसका मतलब कतई ये नहीं है कि छोटे दलों को नकार दिया जाए. भले ही वो उतनी सीटें हासिल नहीं कर पाएं, जितनी सरकार गठन के लिए जरूरी हैं. मगर वह बीजेपी और कांग्रेस के वोटों को काटने का काम जरूर सकते हैं. छत्तीसगढ़ में अगर छोटे दलों की बात करें, तो उसमें जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़, सर्व आदिवासी समाज और पुलिसकर्मियों की पार्टी मैदान में उतरने वाली हैं.
चुनावी मैदान में होगी पुलिसकर्मियों की पार्टी
राज्य में पुलिसकर्मियों ने ‘आजाद जनता पार्टी’ की स्थापना की है. इसमें वो पुलिसकर्मी शामिल हैं, जिन्होंने या तो इस्तीफा दिया है या फिर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है. पुलिस परिवार आंदोलन के नेता उज्ज्वल दीवान समेत कई पूर्व पुलिसकर्मियों ने हाल ही में पार्टी का दामन भी थामा है. ‘आजाद जनता पार्टी’ ने ऐलान किया है कि वह छत्तीसगढ़ में 90 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली है. पार्टी को उम्मीद है कि पुलिसकर्मियों और उनके परिवार के सदस्यों की तरफ से उन्हें समर्थन मिलेगा.
आदिवासियों को साधेगी ‘सर्व आदिवासी समाज पार्टी’
सर्व आदिवासी समाज ने दावा कर दिया है कि वह छत्तीसगढ़ में 50 से 55 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारने वाली है. इसके लिए सर्व आदिवासी समाज अपनी पार्टी बनाने वाली है. दरअसल, राज्य में आदिवासी समाज की आबादी 80 लाख है. पार्टी को उम्मीद है कि वह आदिवासी समाज के वोटों को अपनी ओर लाने में कामयाब होगी.
निषाद पार्टी भी आजमाएगी किस्मत
उत्तर प्रदेश में छोटे दलों में शुमार निषाद पार्टी भी छत्तीसगढ़ में किस्मत आजमाने वाली है. पार्टी का कहना है कि वह 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. वैसे तो यूपी में एनडीए गठबंधन के साथ निषाद पार्टी है, लेकिन राज्य में वह अकेले चुनाव लड़ेगी.