सनातन धर्म में माता लक्ष्मी को धन की स्वामिनी कहा गया है। माना जाता है कि मां लक्ष्मी की पूजा सुख, समृद्धि और भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए की जाती है। ऐसे में दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का महत्व और भी बढ़ जाता है। धन की देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए दिवाली के दिन उनकी विधि-विधान से पूजा करें। इसके बाद मां लक्ष्मी के 108 नामों का जाप करें। अंत में घी के दीपक से देवी मां की आरती करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त ऐसा करते हैं, उन्हें कभी भी धन-धान्य की कमी नहीं होती है। माता लक्ष्मी के नाम इस प्रकार हैं।
मां लक्ष्मी के 108 नाम
प्रकृति
विकृती
विद्या
सर्वभूतहितप्रदा
श्रद्धा
विभूति
सुरभि
परमात्मिका
वाचि
पद्मलया
पद्मा
शुचि
स्वाहा
स्वधा
सुधा
धन्या
हिरण्मयी
लक्ष्मी
नित्यपुष्टा
विभा
आदित्य
दित्य
दीपायै
वसुधा
वसुधारिणी
कमलसम्भवा
कान्ता
कामाक्षी
क्ष्रीरोधसंभवा, क्रोधसंभवा
अनुग्रहप्रदा
बुध्दि
अनघा
हरिवल्लभि
अशोका
अमृता
दीप्ता
लोकशोकविनाशि
धर्मनिलया
करुणा
लोकमात्रि
पद्मप्रिया
पद्महस्ता
पद्माक्ष्या
पद्मसुन्दरी
पद्मोद्भवा
पद्ममुखी
पद्मनाभाप्रिया
रमा
पद्ममालाधरा
देवी
पद्मिनी
पद्मगन्धिनी
पुण्यगन्धा
सुप्रसन्ना
प्रसादाभिमुखी
प्रभा
चन्द्रवदना
चन्द्रा
चन्द्रसहोदरी
चतुर्भुजा
चन्द्ररूपा
इन्दिरा
इन्दुशीतला
आह्लादजननी
पुष्टि
शिवा
शिवकरी
सत्या
विमला
विश्वजननी
तुष्टि
दारिद्र्यनाशिनी
प्रीतिपुष्करिणी
शान्ता
शुक्लमाल्यांबरा
श्री
भस्करि
बिल्वनिलया
वरारोहा
यशस्विनी
वसुंधरा
उदारांगा
हरिणी
हेममालिनी
धनधान्यकी
सिद्धि
स्त्रैणसौम्या
शुभप्रदा
नृपवेश्मगतानन्दा
वरलक्ष्मी
वसुप्रदा
शुभा
हिरण्यप्राकारा
समुद्रतनया
जया
मंगला देवी
विष्णुवक्षस्स्थलस्थिता
विष्णुपत्नी
प्रसन्नाक्षी
नारायणसमाश्रिता
दारिद्र्यध्वंसिनी
देवी
सर्वोपद्रव वारिणी
नवदुर्गा
महाकाली
ब्रह्माविष्णुशिवात्मिका
त्रिकालज्ञानसम्पन्ना
भुवनेश्वरी
मां लक्ष्मी स्तुति
या रक्ताम्बुजवासिनी विलासिनी चण्डांशु तेजस्विनी।
या रक्ता रुधिराम्बरा हरिसखी या श्री मनोल्हादिनी॥
या रत्नाकरमन्थनात्प्रगटिता विष्णोस्वया गेहिनी।
सा मां पातु मनोरमा भगवती लक्ष्मीश्च पद्मावती ॥