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‘विषम परिस्थितियों में भी अपना धर्म बदलना अधर्म है’, कैलाशानंद गिरी महाराज बोले- सनातन के अलावा कोई जाति नहीं है

रायपुर : निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी महाराज छत्तीसगढ़ के दौरे पर हैं. छत्तीसगढ़ में जबरन धर्मांतरण के मुद्दे पर कैलाशानंद गिरी ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने कहा, ‘विषम परिस्थितियों में भी अपना धर्म बदलना अधर्म है. बिना मर्जी धर्म परिवर्तन पर सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए.’

‘सनातन के अलावा और कोई जाति नहीं’

जातिवाद को लेकर भी महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी महाराज ने बयान दिया है. उन्होंने कहा, ‘जाति को लेकर कोई लड़ाई नहीं होनी चाहिए. आदि अनादिकाल से सनातन धर्म है. जाति सिर्फ सनातन है, और कोई जाति नहीं है.’

धीरेंद्र शास्त्री को लेकर कहा- सभी को अपनी बात रखने का हक

बाबा बागेश्वरधाम के महंत धीरेंद्र शास्त्री के उत्तर प्रदेश के इटावा में हुई घटना को लेकर बयान दिया था. इस पर कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि अपनी बात रखने का सभी को हक है. अगर उन्होंने कुछ कहा है तो ये उनका अधिकार है.

पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था, ‘इटावा की घटना बेहद दुर्भाग्यपूण और विचित्र है. कथावाजक के साथ दुर्व्यवहार नहीं होना चाहिए. वेदव्यास, महर्षि वाल्मीकि, मीरा, सूरदास, कबीरदास, सभी भगवान के रंग में रंगे थे. इनकी न जाति पूछी गई और न पता पूछा गया. इनकी वीणी ही इनकी पहचान बनी. लेकिन अगर किसी ने कुछ गलत किया है तो कानूनी प्रक्रिया के तहत उसको सजा दी जाए. ना कि खुद न्यायपालिका बना जाए.’

डोंगरगढ़ के पाखंडी को लेकर कहा- बिलकुल कार्रवाई होनी चाहिए

डोंगरगढ़ के पाखंडी बाबा को लेकर भी निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी महाराज ने बयान दिया है. महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी ने कहा, ‘अगर कुछ गलत हुआ है तो बिलकुल कार्रवाई होनी चाहिए. आशाराम, रामरहीम जैसे लोग किसी अखाड़े से नहीं हैं. ऐसे लोग खुद के धर्मगुरु हैं इन्हें साधु न कहें.

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