नई औघोगिक नीति में बदलाव : आत्मसमर्पित नक्सलियों की तरह नक्सल पीड़ितो को भी मिलेगा लाभ

रायपुर। छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने अपनी नई औद्योगिक विकास नीति- 2024-30 में राज्य के आत्मसमर्पित नक्सलियों के लिए पहले ही कई प्रावधान किए हैं, लेकिन अब नक््सलवाद प्रभावितों के लिए भी मदद का रास्ता खोल दिया गया है। खास बात ये है कि राज्य सरकार ने इस संबंध में औद्योगिक विकास नीति में नए प्रावधान किए हैं और इसे लागू भी कर दिया गया है। राज्य सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग विभाग ने औद्योगिक नीति की एक कंडिका जिसमें निवेशकों के वर्गीकरण किया गया है उसमें यह बदलाव किया गया है कि जो प्रावधान दिव्यांग निशक्त के लिए रखे गए हैं उसमें आत्मसमर्पित नक्सली व्यक्ति भी जोड़ दिया गया है। यानि इस श्रेणी में अब आत्मसमर्पित व्यक्ति भी इसमें शामिल किए गए हैं।
यह भी साफ किया गया है कि आत्मसमर्पित नक्सली व्यक्ति या अर्थ वही होगा जो छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण, पीड़ित राहत पुनर्वास नीति 2025 में परिभाषित है। इसी संशोधन में यह भी कहा गया है कि, औद्योगिक नीति में जहां जहां आत्मसमर्पित नक्सली व्यक्ति शब्द आया है उसके साथ ही नक्सलवाद से प्रभावित व्यक्ति भी जोड़ा जाएगा। इसका मतलब ये है कि औद्योगिक नीति में जहां आत्मसमर्पित नक्सली व्यक्ति के लिए प्रावधान किए हैं वही प्रावधान अब नक््सलवाद से प्रभावित व्यक्ति को भी मिलेंगे।
अब नक्सल पीड़ित को भी मिलेगा ये लाभ
औद्योगिक नीति की एक कंडिका में यह प्रावधान है कि, नवीन पात्र, सूक्ष्म एवं लघु मध्यम सेवा उद्यम निशक्त जनों एवं राज्य के सेवा निवृत्त अग्निवीर, आत्म समर्पित नक्सली व्यक्ति को स्थायी नौकर प्रदान करने पर उनके शुद्ध वेतन पारिश्रमिक की 40 प्रतिशत अनुदान राशि की अनुदान पूर्ति पांच वर्ष की अवधि तक अधिकतम रुपए पांच लाख तक वार्षिक प्रदान सीमा तक की जाएगी।
नक्सली हिंसा में पीड़ित परिवार या व्यक्ति लाभ के लिए होंगे पात्र
ऐसा व्यक्ति जिसे स्वयं का या जिसकी संपत्ति को नक्सली पुलिस मुठभेड़ के दौरान क्रास फायरिंग इत्यादि के कारण क्षति कारित हुई है। व्यक्ति की क्षति में मृत्यु तथा शारीरिक अपंगता व अन्य गंभीर चोट सम्मिलित है। (40 प्रतिशत या अधिक स्थाई अपंगता में स्थाई अपंगता हेतु निर्धारित राशि का पूर्ण भुगतान किया जायेगा। स्थाई अप॑गता एवं गंभीर चोट की स्थिति जिला मेडिकल बोर्ड के प्रमाण-पत्र के आधार पर मान्य होगा। राज्य अंतर्गत घटित नक्सली हिंसा में यदि अन्य राज्य के व्यक्ति या परिवार पीड़ित होते हैं, तो वे भी इस नीति के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिये पात्र होंगे।
‘नक््सलवाद पीड़ित व्यक्ति कौन
राज्य सरकार की नक्सलवादी आत्मसमर्पण पीड़ित राहत पुनर्वास नीति में साफ किया गया है कि नक्सलवाद पीड़ित किसे माना जाएगा। इसमें ये शामिल है कि जिस व्यक्ति या परिवार के सदस्य की नक्सलियों द्वारा हत्या कर दी गई हो, नक्सली घटना में मृत्यु या स्थाई अपंगता, स्थाई तौर पर शारीरिक रूप से अक्षम कर दिया गया हो अथवा गंभीर रूप से घायल कर दिया गया हो। जिस व्यक्ति या परिवार की चल अचल संपत्ति को नक्सलियों द्वारा क्षति पहुंचा दी गई हो। परिवार के अंतर्गत परिवार के मुखिया, मुखिया की पत्नी, पुत्र, पुत्री, आश्रित माता-पिता एवं आश्रित भाई-बहन शामिल होंगे। यह भी साफ किया गया है कि शासकीय सेवा में नियुक्ति या किसी भी आर्थिक सुविधा लाभ के लिए पीड़ित परिवार के किसी अन्य सदस्य का शासकीय सेवा में होना उसकी अर्हता को प्रभावित नहीं करेगा। पुलिस के विशेष सहयोगी को नक्सलियों द्वारा क्षति पहुंचाने पर ये भी नक्सलवाद पीड़ित व्यक्ति की श्रेणी में सम्मिलित होंगे।