30 साल बाद चालान : खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के तत्कालीन ज्वाइंट डायरेक्टर के खिलाफ बिलासपुर कोर्ट में चालान पेश

रायपुर। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के तत्कालीन ज्वाइंट डायरेक्टर के भ्रष्टाचार के 30 साल पुराने मामले में ईओडब्ल्यू ने 30 साल बाद बिलासपुर कोर्ट में चालान पेश किया है। अफसर के ठिकानों पर भोपाल से आए ईओडब्ल्यू के अफसरों ने 13 सितंबर 1995 को छापे की कार्रवाई करते हुए अनुपातहीन संपत्ति जब्त की थी। तब अफसर के खिलाफ ईओडब्ल्यू ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) ई, 13 (2) के तहत अपराध दर्ज कर कार्रवाई की थी।
ईओडब्ल्यू द्वारा जारी बयान के मुताबिक, डीडी भूतड़ा के ठिकानों पर छापे की कार्रवाई की गई थी। इस दौरान उनके यहां से पांच लाख रुपए नकद के साथ बिलासपुर में राइस मिल, कई जमीनें, सोना-चांदी जब्त किए गए थे। जांच में डीडी भूतड़ा की संपत्ति उनकी मूल आय से 303.45 प्रतिशत ज्यादा पाई गई।
बिलासपुर कोर्ट में डीडी भूतड़ा के खिलाफ जांच पूरी होने के बाद कोर्ट में अंतिम प्रतिवेदन पेश किया गया है।
भोपाल में पोस्टिंग के दौरान बनाई थी अकूत संपत्ति
डीडी भूतड़ा के यहां जब छापे की कार्रवाई की गई, तब उनकी पोस्टिंग भोपाल में थी। भोपाल में रहते हुए भूतड़ा ने भ्रष्टाचार से कमाई की रकम से बिलासपुर में राइस मिल खोलने के अलावा रायपुर तथा बिलासपुर में संपत्तियां खरीदीं। ईओडब्ल्यू की टीम ने भूतड़ा के रायपुर तथा बिलासपुर स्थित ठिकानों में छापे की कार्रवाई की थी, तब भूतड़ा की उम्र 55 साल थी। वर्तमान में वे 85 वर्ष के हो गए हैं।
जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत टीम बनाकर की जा रही कार्रवाई
ईओडब्ल्यू एसीबी में एक दशक से ज्यादा के करीब 40 से 50 पुराने मामले पेंडिंग हैं, जिनका कोर्ट में चालान पेश नहीं हो पाया है या किसी मामले में अभियोजन स्वीकृति नहीं मिल पाई है। ऐसे मामलों के निपटारे के लिए एसीबी तथा ईओडब्ल्यू की अलग से टीम बनाई गई है और पुराने मामलों की जांच पूरी कर कोर्ट में पेश किया जा रहा है। एसीबी, ईओडब्ल्यू के आईजी अमरेश मिश्रा के मुताबिक, शासन की जीरो टॉलरेंस नीति के तहत सभी पुराने मामलों का जल्द से जल्द निपटारा किया जा रहा है।