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सीजीपीएससी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से पकड़ेंगे फर्जी परीक्षार्थी, फोटो-वीडियो बताएंगे असली पहचान

रायपुर : छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) अब फर्जी परीक्षार्थियों को पकड़ने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद लेगा। परीक्षाओं में भ्रष्टाचार और गड़बड़ी रोकने के लिए आयोग ने एआई के उपयोग की व्यवस्था शुरू कर दी है।

इस प्रक्रिया में परीक्षा के दौरान लाइव वीडियो और फोटो के माध्यम से किसी अन्य की जगह परीक्षा देने वाले व्यक्ति को आसानी से पकड़ा जा सकेगा। परीक्षा केंद्रों में परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्रों के क्यूआर कोड की स्कैनिंग और बायोमीट्रिक डिवाइस से परीक्षार्थियों का ऑनलाइन वेरिफिकेशन भी अनिवार्य कर दिया गया है।

16 केंद्रों में किया गया सफल प्रयोग

सीजीपीएससी की 2021 की परीक्षा में भाई-भतीजावाद के आरोप लगने के बाद पीएससी ने यह तरीका अपनाया है। इसका पहला प्रयोग परिवहन विभाग की उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा में एक सितंबर को 16 केंद्रों में किया जा चुका है, जो सफल रहा।

बता दें कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में पीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, सचिव जीवन किशोर ध्रुव समेत अन्य अधिकारियों के खिलाफ गड़बड़ी करने के आरोप में सीबीआई जांच चल रही है।

परीक्षा में ऐसे काम करेगी एआई तकनीक

एआई आधारित तकनीक से उपस्थित अभ्यर्थी की परीक्षा कक्ष में खींची गई तस्वीर और अभ्यर्थी द्वारा ऑनलाइन आवेदन के समय अपलोड की गई तस्वीर का 102 बिंदुओं को आधार बनाकर मिलान किया जाएगा।

इस दौरान अपलोड दोनों तस्वीरों में अंतर मिलने पर परीक्षा कक्ष में खींची गई तस्वीर का देशभर में पूर्व में आयोजित परीक्षाओं में शामिल लगभग पांच लाख अभ्यर्थियों की तस्वीर से मिलान करने की व्यवस्था है। इसके अलावा आधार प्रमाणीकरण की व्यवस्था भी लागू कर दी गई है।

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