CGMSC scam: कंपनी के दो MD समेत पांच कर्मचारियों को EOW ने किया गिरफ्तार

रायपुर। CGMSC scam: छत्तीसगढ़ के सीजीएमएससी घोटाले मामले में EOW ने बड़ा एक्शन लिया है। EOW ने रीजेंट खरीदी मामले में दो महाप्रबंधक और एक उप संचालक को हिरासत में लिया है। शनिवार को बसंत कौशिक, डॉ अनिल परसाई, शिरौंद्र रावटिया, कमलकांत पाटनकर और दीपक बांधे को एजेंसी ने विशेष कोर्ट में पेश किया। जहां कोर्ट ने उन्हें 28 मार्च तक EOW की हिरासत में भेज दिया है।

इन धाराओं के तहत केस हुआ दर्ज 

CGMSC scam: मोक्षित कार्पोरेशन, CB कॉरपोरेशन, रिकार्डर्स एवं मेडिकेयर सिस्टम, एचएसआईआईडीसी, एवं श्री शारदा इन्डस्ट्रीज के साथ आपराधिक षडयंत्र कर पूल-टेंडरिंग कर, स्वास्थ्य विभाग में उपयोग होने वाले रीएजेंट एवं मशीन की बाजार मूल्य से अधिक कीमत पर विक्रय कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाये जाने के संबंध में ब्यूरो में दर्ज अपराध क्रमांक-05/2025, धारा-409, 120बी भादवि एवं धारा 13 (1) ए, सहपठित धारा 13(2), 7 (सी) भ्र.नि.अ. 1988 संशोधित अधिनियम 2018 में बसंत कुमार कौशिक (तत्कालीन प्रभारी महा प्रबंधक उपकरण एवं उप प्रबंधक कय एवं संचालक)., छिरोद रौतिया (तत्कालीन बायो मेडिकल इंजीनियर), कमलकांत पाटनवार (तत्कालीन उप प्रबंधक उपकरण), डॉ. अनिल परसाई (तत्कालीन डिप्टी डायरेक्टर स्टोर) एवं दीपक कुमार बंधे (तत्का. बायो मेडिकल इंजीनियर), को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।

मोक्षित कार्पोरेशन सहित कंपनियां हुई ब्लैक लिस्टेड

CGMSC scam: उल्लेखनीय है कि, सीजीएमएससी में हुए अरबों के घोटाले के सूत्रधार मोक्षित कार्पोरेशन के बाद सहयोगी कंपनियों को भी ब्लैक लिस्टेड कर दिया गया है। इनमें से दो कंपनियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट थाने में ईओडब्लू द्वारा दर्ज कराई गई थी। काली सूची शामिल की गई तीसरी शेल कंपनी थी। दवा निगम द्वारा कुछ और कंपनियों पर आगे भी कार्रवाई किए जाने की संभावना है। घोटाला सामने आने के बाद सीजीएमएससी की एमडी ने पुरानी लापरवाही और अनुबंध को तोड़ने तथा आपराधिक मामले में अपराध दर्ज होने की वजह से मोक्षित कार्पोरेशन को तीन साल के लिए ब्लैक लिस्टेड कर दिया था।

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