CG : निकाय चुनाव में दिखा नेताओं का अनोखा रंग, सीएम ने प्रत्याशी की दुकान पर बनाई ‘चाय’, तो बघेल ने चलाया ‘ट्रैक्टर’

रायपुर : छत्तीसगढ़ में नगरी निकाय चुनाव का खुमार चरम पर है. प्रत्याशी से लेकर जिम्मेदार अपने तरह से वोट अपील करते नजर आ रहे हैं. स्थानीय चुनाव होने के कारण यह चुनाव और रोचक हों जाता है. स्थानीय चुनाव में मुद्दे भी स्थानीय होते हैं. यदि नेता को जनता से जुड़ना है तो वो पूरी तरह से उनके रंग में रेंज नजर आते है. और यही अतरंगी रंग इन दिनों प्रदेश में देखने को मिल रहा है.
सीएम विष्णु देव साय ने बनाई चाय
शहरी सत्ता पाने अब प्रचार प्रसार के लिए महज 3 दिन ही शेष बचे है और इन तीन दिनों में प्रमुख राजनीतिक दल के साथ निर्दलीय अपना पसीना बहाते नजर आयेंगे. गाजे बाजे के साथ महापौर प्रत्याशी से लेकर पार्षद प्रत्याशी अपने समर्थकों के साथ हाथ जोड़े नजर आयेंगे, लेकिन इन सबके बीच कुछ ऐसे प्रचार भी हो रहा है जो जनता का ध्यान अपने ओर आकर्षित कर रहा है. चुनाव के रंग में कई रंग देखने को मिल रहे हैं.
सीएम विष्णुदेव साय जहां आमसभा और रोड शो के माध्यम से वोट अपील करते नजर आ रहे है. तो सीएम साय और कैबिनेट मंत्री ओपी चौधरी प्रत्याशी के साथ चाय बनाते नजर आ रहे है, जी हां रायगढ़ से भाजपा के मेयर प्रत्याशी जीवर्धन चौहान को टिकिट दिया है जो चाय दुकान का संचालन करते है और काफी पुराने भाजपा नेता है. अपनी सरलता के लिए जाने जाने वाले मुख्यमंत्री के इस रंग को देखकर सभी सोच में पड़ गए.
भूपेश बघेल ने बिलासपुर में चलाई ट्रैक्टर
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा चाय नाश्ता करते नजर आए तो वहीं कांग्रेस से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी अपने प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार में कुछ अलग करते नजर आए. बघेल ने तो बिलासपुर में ट्रैक्टर चला कर वोट अपील की. भाजपा महामंत्री संजय श्रीवास्तव इस पर कह रहे है कि अपना अपना प्रचार करने का तरीका हो सकता है लेकिन उस प्रचार करने में ईमानदारी होनी चाहिए. कभी चाय पर चर्चा होती थी तो यही कांग्रेस उसे पर टीका टिप्पणी करती थी मोदी जी के लिए. लेकिन वही चाय बनाने वाले आज तीसरी बार प्रधानमंत्री हैं.सभी वर्गों के साथ जुड़ने की आशंका है.
नेताओं के अनोखे रंग पर सियासत जारी
चुनाव के इस रंग पे चाय पर सियासत होना वाजिब भी है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने तो बीजेपी को घेरते हुए कहा है कि मोदी की गारंटी फेल हो चुकी है. कम विष्णु देव साय अब मोदी जी की कॉपी करने लग गए हैं. अब तो अटल विश्वास पात्र में जा रहे हैं चाय बनाकर मोदी जी की कॉपी कर रहे हैं तो ठीक है.
राजनीतिक दलों के इस प्रचार प्रसार के तरीके ने लोगों को अपने और आकर्षित तो किया है, लेकिन जिस तरह से बयान बाजी का दौर जारी है उससे तो यह लगता है कि तू डाल डाल मैं पात पात की स्थिति बनी हुई है. अब देखना यह होगा कि चाय से लेकर ट्रैक्टर की सवारी किसको कितना फायदा दिलाती है.