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CG : हसदेव अरण्य क्षेत्र में मजदूर पर अचानक गिरा पेड़, अस्पताल में मौत, पूर्व डिप्टी सीएम ने ट्वीट कर जताया शोक

सरगुजा : सरगुजा जिले के उदयपुर क्षेत्र के हसदेव अरण्य क्षेत्र में पेड़ों की कटाई के दौरान हादसा हो गया। पेड़ की चपेट में आकर मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया। युवक को सीएचसी उदयपुर में दाखिल किया गया। उसे गंभीर अवस्था में मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल रेफर कर दिया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस मामले पर पूर्व मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, हसदेव अरण्य में एक मजदूर की पेड़ गिरने से हादसे में मृत्यु की खबर सुनकर दुख हुआ। शोकाकुल परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। इस दुर्घटना के लिए ज़िम्मेदार कौन है? हादसे की पूरी औद्योगिक जांच होनी चाहिए ताकि मामले की तह तक पहुंचा जा सके।

जानकारी के मुताबिक, हसदेव क्षेत्र में पेड़ों की कटाई की जा रही है। पेड़ों की कटाई के लिए लक्ष्मणगढ़ निवासी कमलेश्वर सिरदार (27) मजदूरी करने गया था। दोपहर करीब 1 बजे वह पेड़ के नीचे दबकर गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे साथ काम कर रहे मजदूरों ने बाहर निकाला। कमलेश्वर सिरदार को तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदयपुर में दाखिल कराया गया। उसे गंभीर अवस्था में मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल अंबिकापुर रेफर कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में उपचार के दौरान कमलेश्वर की मौत हो गई। घटना की सूचना पर कमलेश्वर के परिजन मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल पहुंचे। शाम हो जाने के कारण आज शव का पोस्टमॉर्टम नहीं हो सका। शनिवार को शव पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंपा जाएगा।

डिप्टी सीएम ने दोषियों पर कार्यवाही की मांग की

हसदेव जंगल में मजदूर की मौत हो गई है जिस पर पूर्व मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा, हसदेव अरण्य में एक मजदूर की पेड़ गिरने से हादसे में मृत्यु की खबर सुनकर दुख हुआ। शोकाकुल परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। इस दुर्घटना के लिए ज़िम्मेदार कौन है? हादसे की पूरी औद्योगिक जांच होनी चाहिए ताकि मामले की तह तक पहुंचा जा सके। साथ ही भाजपा सरकार को अपनी ‘असली’ ज़िम्मेदारी निभाते हुए दिवंगत के परिवार को मुआवजा देना चाहिए।

टीएस सिंहदेव ने कहा भाजपा की कोयला खनन की हड़बड़ी ने न सिर्फ प्रदेश की कानून व्यवस्था को तहस नहस कर दिया है बल्कि कामगार मजदूरों के जीवन को भी खतरे में डाल रही है। आदिवासी बंधु त्रस्त हैं, जल, जंगल, और जमीन के अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सरकारी तंत्र द्वारा हिंसा और अन्याय के साए में जी रहे हैं। ऊपर से यह घटना साफ बता रही है कि सरकारी ज़बरदस्ती क्षेत्र के हर ग्रामीण के लिए खतरनाक साबित हो रही है। सरकार कॉरपोरेट दबाव से बाहर आए। उनका प्राथमिक कर्तव्य राज्य के नागरिकों के हितों की रक्षा करना है। प्रधानमंत्री के ‘मित्र धर्म’ का त्याग करें, ‘राज धर्म’ निभाएं।

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