CG लाखों का घोटाला : डोंगरगढ़ नगर पालिका में सीएमओ सहित 5 अधिकारी सस्पेंड

राजनांदगांव। भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ प्रदेश सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। जिले के डोंगरगढ़ नगर पालिका में वित्तीय अनियमतिता की शिकायत के बाद तत्कालीन सीएमओ यमन देवांगन सहित पांच अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। इन अफसरों के खिलाफ जांच में वर्ष 2022 से 2024 के मध्य कराए गए शासकीय कार्यों में भ्रष्टाचार करना पाया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार इन पांच अधिकारियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई के पीछे डोंगरगढ़ नगर पालिका में 2022-23 के दौरान अध्यक्ष एवं पार्षद निधि के अंतर्गत वार्ड क्रमांक 7, 9, 15, 20, 21 एवं 22 में नलकूप खनन कार्य, वार्ड क्र. 6 में नाली निर्माण कार्य, वार्ड क्र. 8 उद्यान निर्माण कार्य, वार्ड क्र. 9 में इंटरलॉकिंग पेवर ब्लॉक कार्य, वार्ड क्र. 11 में नाली रोड, मुक्तिधाम में स्टोर रूम निर्माण कार्य, वार्ड क्र. 19 में आरसीसी नाली निर्माण, सीसी प्लोरिंग कार्य, वार्ड क्र. 21 में पाईप लाइन विस्तारीकरण कार्य, वार्ड 23 में जिम सामग्री क्रय, पानी टंकीमय मोटर पंप स्थापना कार्य शामिल है।

इसके अलावा मंच निर्माण कार्यों हेतु निविदा समिति में लेखापाल को समाहित नहीं किया गया। जिससे वित्तीय परीक्षण प्रश्नाधीन होने, प्लेसमेंट कर्मचारी को प्रभारी लिपिक का दर्जा देते निविदा समिति में सदस्य बनाए जाने, विभिन्न कार्यों में बिना गुणवत्ता परीक्षण, बगैर टेस्ट रिपोर्ट के अनियमित भुगतान की कार्रवाई करने, समस्त कार्यों में प्रयुक्त होने वाले लोहे का विवरण माप पुस्तिका में इंद्राज नहीं कर मैन्युअल प्रावधानों के विपरीत कार्य करने, धड़ी स्थापना में बगैर वित्तीय स्वीकृति के भुगतान तथा 14वें वित्त आयोग मद अंतर्गत वर्ष 2020-21 में रोड निर्माण में त्रुटिपूर्वक निविदा कार्रवाई निष्पादित कर गुणवत्ताहीन कार्य कराने के लिए प्रारंभिक जांच में अवचार का दोषी पाए गए हैं।

ये अफसर किए गए निलंबित

मिली जानकारी के अनुसार तत्कालीन डोंगरगढ़ नपा सीएमओ यमन देवांगन, प्रभारी नपा प्रमोद शुक्ला, उप अभियंता रितेश स्थापक, उप अभियंता किशोर ठाकुर एवं लेकापाल दीपा भिवगढ़े का नाम शामिल है। इन सभी के खिलाफ प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी करना पाया जाने के बाद एक्शन लिया गया है।

बिना टेस्ट रिपोर्ट से भुगतान

नगर पालिका में पदस्थ अफसरों द्वारा निर्माण कामों के भुगतान में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी की है। बिना टेस्ट रिपोर्ट के ही भुगतान कर दियाग या है। वहीं फिल्टर प्लांट में लगने वाले एलम और प्लीचिंग पावडर की वित्तीय सीमा से ज्यादा की खरीदी कर दी है।

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