बैकुंठपुर। छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के रहने वाली यह शिवभक्त पल्ली देवी सिर्फ चाय पीकर शिव की भक्ति कर रही हैं। गांव के लोग उन्हें चाय वाली चाची के नाम से भी पुकारते हैं। पल्ली देवी कोरिया जिले के बैकुंठपुर विकासखंड के बदरिया गांव में रहती हैं। परिवार के लोग इसी बात का दावा करते हैं कि पल्ली देवी ने पिछले 30-35 सालों से अन्न और जल को त्याग दिया है।
पिता के घर में रहती हैं पल्ली देवी
उनका गांव कोरिया जिले से करीब 15 किलोमीटर दूर है। पल्ली देवी अपने पिता के घर में ही रहती हैं। पल्ली देवी के पिता का नाम रतिराम है, जिनका कहना है कि जब पल्ली देवी कक्षा छठवीं में थी तभी से उन्होंने भोजन करना छोड़ दिया था। वहीं, उनके भाई का कहना है कि उन्होंने जब से होश संभाला उन्होंने अपनी बहन को खाना खाते नहीं देखा है। सुबह-शाम वह केवल चाय पीती हैं। उन्होंने कहा कि वह अपनी चाय भी खुद ही बनाती हैं।
पति का घर छोड़ा
पल्ली देवी शादी के बाद एक बार ही ससुराल गईं थी। मायके आने के बाद वह फिर कभी ससुराल नहीं गईं। अपने पिता के साथ ही मायके में ही रहने लगीं। उन्होंने ऐसा फैसला क्यों लिया इस बारे में परिवार के किसी सदस्य को कोई जानकारी नहीं है। पल्ली देवी भी इस बारे में कोई बात नहीं करती हैं कि वह दोबारा ससुराल क्यों नहीं गईं। पल्ली देवी ने कहा कि शादी के बाद जैसे ही मांग में सिंदूर लगा तब से मैंने अन्न और जल को त्याग दिया। पति का घर छोड़कर वापस मायके आई तो भगवान शिव की भक्ति में लीन हो गई।
कहा- शिव का आशीर्वाद इसलिए जिंदा
उन्होंने कहा कि मैंने 30 सालों से खाना नहीं खाया है। अन्न छोड़ने के 15-20 साल तक तीन बार चाय पीती थी, अब बीते 10 सालों से मैं केवल दो बार चाय पीती हूं। उन्होंने कहा कि भगवान शिव का आशीर्वाद है, इसलिए मैं सिर्फ चाय के सहारे ही जीवित हूं।
क्या कहना है डॉक्टरों का
जनरल मेडिसिन विभाग के डॉक्टर दीपक मजूमदार के अनुसार- “कोई भी तरल पदार्थ शरीर में जाने से ऐसा हो सकता है। चाय पीने से महिला को शुगर मिल रही है और थोड़ा बहुत मिल्क प्रोडक्ट के कारण न्यूट्रिशन भी मिल जा रहा है। यह पॉसिबल है कि इस माध्यम से इंसान कई सालों तक जिंदा जरूर रह सकता है, लेकिन 30 सालों तक अन्न ग्रहण नहीं करने से शरीर कमजोर हो जाता है। शरीर के ऑर्गन में भी प्रभाव पड़ता है। यह शरीर और अपनी जान के साथ खिलवाड़ है।”