CG नक्सलियों ने किया पत्र जारी : सरकार से समझौता करने और छत्तीसगढ़ में विनाश की लड़ाई बंद होनी की कही बात

रायपुर : छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबल डटकर नक्सलियों के खात्मे के लिए लगातार ऑपरेशन चला रहे हैं. साल 2025 को शुरू हुए अभी सिर्फ 21 दिन हुए हैं. 21 जनवरी तक छत्तीसगढ़ में 50 नक्सली ढेर हो चुके हैं. गरियाबंद में जवानों का ऑपरेशन जारी है. इस बीच तेलंगाना सीपीई ने एक पत्र जारी किया है. इसके जरिए उन्होंने समझौता करने और छत्तीसगढ़ में विनाश की लड़ाई बंद होनी की बात कही है.

छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर स्थित गरियाबंद जिले के कुल्हाड़ी घाट के जंगलों में रविवार रात से सुरक्षाबलों का संयुक्त ऑपरेशन जारी है. सोमवार सुबह से रुक-रुक कर फायरिंग हो रही है. इस मुठभेड़ में अब तक 16 नक्सली मारे जा चुके हैं. इनमें एक करोड़ का इनामी नक्सली चलपति भी शामिल है.

छत्तीसगढ़ में लगातार जारी ऑपरेशन से नक्सली डर गए हैं. सीपीई (एमएल ) की तेलंगाना स्टेट कमेटी की ओर से एक पत्र जारी किया गया है. इस पत्र में लिखा है- छत्तीसगढ़ में विनाश की लड़ाई बंद होनी चाहिए. सिलसिलेवार मुठभेड़ों के नाम पर केंद्र और राज्य सरकार छत्तीसगढ़ में आदिवासियों और आंदोलनकारियों को खत्म करने की जंग छेड़ रही है. सैकड़ों लोगों को ढूंढ-ढूंढ कर मारा जा रहा है. यह जनता के खिलाफ सरकार का युद्ध है.’

पत्र में आगे लिखा है- ‘आदिवासी कोई क्रांतिकारी और विदेशी नहीं हैं. आक्रमणकारी नहीं. इस देश के मूलनिवासी हैं, जो जनता के लिए लड़ते हैं. वे लोगों के दिलों की आवाज हैं. यह कॉरपोरेट वर्ग के संसाधनों का शोषण करने और लोगों को खत्म करने के लिए मोदी और अमित शाह के फासीवादी राज्य द्वारा छेड़ा गया फासीवादी युद्ध है.’

विचार-विमर्श करना चाहिए

इस पत्र में नक्सलियों ने समझौते की बात कही है. उन्होंने आगे लिखा है- ‘क्रांतिकारी आंदोलन की समस्या का समाधान आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक समस्याओं और विचार-विमर्श के माध्यम से किया जाना चाहिए. लेकिन असहमति और आंदोलनों को खून-खराबे में डुबाना, उन्हें खत्म करने के लिए हजारों अर्धसैनिक बलों को तैनात करना और दुश्मन देशों को निशाना बनाना एक दुष्ट नीति है.’

‘मुठभेड़ हमले, नरसंहार, शिकार और लोगों की हत्या बंद होनी चाहिए’

पत्र में आगे लिखा है- ‘मुठभेड़ हमले, नरसंहार, शिकार और लोगों की हत्या बंद होनी चाहिए. दो पक्षों द्वारा युद्ध लड़ने की नीति को त्याग देना चाहिए. इसे बातचीत के जरिए सुलझाया जाना चाहिए. सरकारों को कॉरपोरेट के लिए नहीं काम करना चाहिए. लोगों को शांति, आश्रय, कपड़ा और जीवन की सुरक्षा दी जानी चाहिए.’

सीपीआई (एमएल) मास लाइन (प्रजापंधा) बीजापुर, कांकर के साथ-साथ हाल ही में हुए गंगुलूर मुठभेड़ हत्याकांड की निंदा कर रही है. अमरों को नमन करते हुए नागरिक समाज इसका पुरजोर विरोध करना चाहता है.

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