जांजगीर-चांपा। छत्तीसगढ़ के जांजगीर चाम्पा जिले में रेत का अवैध उत्खनन थमने का नाम नहीं ले रहा है. यहां ठेका समाप्त हो चुके घाटों से भी लगातार अवैध तरीके से रेत निकाला जा रहा है.नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और पर्यावरण संरक्षण मंडल के मापदंडों के अनुसार जांजगीर चांपा जिले में 10 रेत घाट चिन्हित हैं. जिसमें 5 का अभी नया टेंडर होने जा रहा है. वहीं 5 घाट का टेंडर बाद में किया जाएगा जो फिलहाल अभी बंद है।
वर्तमान में केवल 5 स्वीकृत रेतघाट की ही अवधि बची है. जबकि शेष रेत घाटों का ठेका समाप्त हो चुका है. ठेका समाप्त हो चुके रेत घाटों से रेत का अवैध खनन हो रहा है. इसे रोकने के लिए न जिला प्रशासन ध्यान दे रहा है और न खनिज विभाग कोई कार्रवाई कर रहा है. जिले में रेत अवैध उत्खनन एवं परिवहन को लेकर खनिज अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना था कि समय-समय पर कार्रवाई की जाती है. वर्तमान में अभी 5 रेत घाटों का टेंडर जारी है यह टेंडर पूरे हो जाने के बाद पुनः 5 घाटों को फिर से स्वीकृति दी जाएगी. जिले में लगभग 10 रेत घाट संचालित होने हैं. जिसकी स्वीकृति जिले के कलेक्टर से ली जा चुकी है।
अवैध उत्खनन जोरों पर
नदियों में पानी कम होने और प्रतिबंध की अवधि समाप्त होने के बाद से महानदी, हसदेव और सहायक नदियों की रेतघाटों में अवैध उत्खनन का कार्य जोरों पर है. जांजगीर-चांपा जिले के 10 रेत घाटो के उत्खनन के लिए ठेके पर दिए गए थे. इसमें से 5 रेत घाटों का ठेका समाप्त हो चुका है, जबकि शेष 5 घाटो का टेंडर जारी है. जिन घाटों की निविदा अवधि समाप्त हो गई है. उसके लिए खनिज विभाग द्वारा तय मापदंडों के अनुसार नए सिरे से निविदा की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है. अभी इसमें समय लगेगा. इसका पूरा फायदा रेत माफिया उठा रहे हैं।
रेत माफिया कर रहें कालाबाजारी
बता दें कि निविदा अवधि समाप्त हो चुके घाटों से धड़ल्ले से रेत उत्खनन कर बिक्री की जा रही है. इसे रोकने न तो जिला प्रशासन द्वारा ध्यान दिया जा रहा है और न ही खनिज विभाग कोई कार्रवाई कर रही है. रेतघाट बंद होने का बहाना बनाकर रेत माफिया कालाबाजारी कर रहे हैं. खनिज विभाग द्वारा मानसून के दौरान 15 जून से 15 अक्टूबर तक चार महीने के लिए रेतघाट को बंद कर उत्खनन व परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है. हालांकि इसके बाद भी जिले के अधिकांश रेतघाटों में पूरे समय रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन होते रहता है. इसको रोक पाने में जिला खनिज विभाग पूरी तरह से नाकाम रहा है।
इन घाटों के ठेके हो चुके हैं समाप्त
राज्य सरकार द्वारा तीन साल पहले नगरीय निकाय और ग्राम पंचायतों से घाट लेकर निजी लोगों को दो साल के लिए ठेका में दिया गया था. इस पर दिया गया एक्सटेंशन भी अब समाप्त हो गया है. दूसरी तरफ स्वीकृत घाट के अलावा भी कई स्थानों पर अवैध रेतघाट चल रहे. चांपा नगरपालिका क्षेत्र, लछनपुर, कुदरी, नवागांव, बरबसपुर इन घाटों से रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन का कार्य जोरों से चल रहा है।