CG : राजधानी में बिना लाइसेंस धड़ल्ले से परोसी जा रही शराब!, गोलीकांड ने खोल दी सबकी पोल, अब तक हाथ पर हाथ धरे बैठा था आबकारी विभाग…

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी के वीआईपी रोड स्थित हाईपर क्लब में गोलीकांड से हड़कंप मचा हुआ है. आदतन बदमाश रोहित तोमर, विकास अग्रवाल समेत चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इस घटना के बाद पुलिसिया सिस्टम पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि कांड के पहले तक जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यान कहां था ? हालांकि, गोलीकांड के बाद पुलिस कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुट गई है. वीआईपी रोड बार, क्लब और कैफे में औचक निरीक्षण किया जा रहा है. सभी को क़ानून के दायरे में रहने की सख्त हिदायत दी जा रही है. हुड़दंगियों पर कड़ी कार्रवाई करने की तैयारी की गई है. एसएसपी संतोष सिंह ने शहर के बार, होटल, क्लब संचालकों की बैठक में समय का पालन करने के कड़े निर्देश दिए हैं।

बता दें कि इस वारदात के बाद परत दर परत हाईपर क्लब की असलियत सामने आ रही है. हाईपर क्लब में बिना लाइसेंस बेधड़क शराब प्रेमियों को शराब परोसी जा रही थी. इतना ही नहीं सारे नियमों को धता बताकर देर रात तक शराब की पार्टियां आयोजित की जा रही थी. जिम्मेदार अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी या फिर सब जानकर अंजान बने रहे. सिस्टम की अनदेखी इस कदर रही कि आबकारी विभाग का उड़नदस्ता एक भी दिन क्लब में जानकारी लेने नहीं पहुंचा. आबकारी अधिकारी एडीओ या उनकी टीम क्लब में अनदेखी करती रही और हाईपर क्लब बेधड़क काली कमाई में जुटा रहा।

जानकारी के मुताबिक शहर के अधिकांश क्लब और कैफे में बिना लाइसेंसी शराब परोसी जा रही है. इतना ही नहीं जिन जगहों पर एफएल-5 लाइसेंस लिया भी जाता है. वहां नियमों की धज्जियां उड़ाई जाती हैं. क्लब्स की पार्टियां समय पर बंद नहीं की जाती हैं. वीआईपी रोड समेत अन्य 34 कैफे और बार में बिना लाइसेंस खुलेआम शराब परोसी जाती है. शराब प्रेमी पहुंचते हैं और मनचाही शराब दी जा रही है।

विभागीय सूत्रों के मुताबिक, वीआईपी रोड स्थित हाईपर क्लब, जुक, आइरिस कैफे, लिविंग रूम कैफे, कोको कैफे, बैड कैफे, ब्लैक लीफ, स्काई लाउंज कैफे, मिथिया, पाजी द पिंड समेत अन्य स्थानों पर बिना लाइसेंस नशा परोसा जाता है।

इस पूरे मुद्दे पर ज़िम्मेदार अधिकारी पूरी तरह पल्ला झाड़ते नजर आते हैं. आबकारी उड़नदस्ता किसी भी स्थानों पर सक्रिय नजर नहीं आता है. क्लब, बार और कैफो को उनके भरोसे ही छोड़ दिया जाता है. क्लब और बार की पूरी तरह मॉनिटरिंग नहीं की जाती है. जिसका नतीजा हुड़दंग और गोलीकांड जैसी घटनाओं से सामने आता है.

रायपुर के ज़िलादण्डाधिकारी गौरव सिंह कहते है कि होटल, बार और क्लब में बिना लाइसेंस शराब परोसी जा रही, इसकी जानकारी नहीं है. सभी जगहों पर लाइसेंस चेकिंग की ज़िम्मेदारी प्रमुख रूप से आबकारी विभाग की होती है, लेकिन ऐसी शिकायत पर कार्रवाई के निर्देश दिए जाएंगे. ज़रूरत पड़ी तो औचक निरीक्षण किया जाएगा।

आबकारी कमिश्नर आर.संगीता के मुताबिक सभी जगहों पर अलग-अलग टीम बनाई गई है. उड़नदस्ता को मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी गई है. शहर के किन-किन क्लब, बार और कैफे में अवैध रूप से शराब एवं अन्य सामग्रियां परोसी जा रही है. इसकी तत्काल जांच कराई जाएगी. अधिकारियों को लिस्ट बनाने के निर्देश दिए गए हैं. जिम्मेदारों पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

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