CG : क्लेम में आनाकानी करने पर बीमा कंपनी दोषी करार, ब्याज सहित चुकाने होंगे 20 लाख रुपये
रायगढ़ : एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी की स्थानीय शाखा से मकान का बीमा कराने के बाद बीमित अवधि में आगजनी से मकान को क्षति पहुंचने की स्थिति में बीमा कंपनी के द्वारा बीमा राशि का भुगतान करने में आनाकानी करने के मामले में उपभोक्ता फोरम ने बीमा कंपनी को दोषी करार देते हुए बीमा धारक को 20 लाख रुपये से अधिक का मय ब्याज भुगतान करने का आदेश पारित किया है।
आवेदक डॉ सरोज कुमार निवासी दिनदयाल पुरम फेस 1 छोटे अतरमुडा के स्वामित्व की भूमि ग्राम अतरमुड़ा पटवारी हल्का नंबर-13. तहसील व जिला रायगढ़ में भूमि है, भूमि पर आवेदक द्वारा ऋण सुविधा प्राप्त कर 2004 में मकान का निर्माण कराया गया। मकान की सुरक्षा के लिए अनावेदक कार्यालय से 30 नवंबर 2014 को विधिवत प्रीमियम अदा कर बीमा कराया गया जोकि 29 नवंबर से 28 नवंबर 2024 के लिये वैध है। जिसका पॉलिसी नंबर 0000000002307235 है। 25 अप्रैल 2021 को मकान में सिलेंडर में अचानक आग लग जाने से हुए विस्फोट के कारण पुरा मकान क्षतिग्रस्त हो गया और मकान में रखा अन्य समान भी पूरी तरह जलकर राख हो गया।
घटना में किसी भी व्यक्ति को क्षति नहीं हुई। आग बुझाने के लिए जिला सेनानी एवं जिला अग्निशमन अधिकारी नगर सेना रायगढ़ को 12,431 रुपये आग बुझाने के लिए आवेदक द्वारा दिया गया। उक्त घटना की सूचना 26 अप्रैल 2021 को थाना प्रभारी चक्रधरनगर रायगढ़ को दी गई। नुकसान के संबंध में नुकसानी पंचनामा तैयार किया गया। थाना प्रभारी द्वारा एसडीएम को प्रेषित किया गया। आवेदक द्वारा अनावेदक कार्यालय के टोल फ्री कस्टमर केयर नंबर पर संपर्क कर घटना की जानकारी दर्ज करा दी गई। जिसका क्लैम नंबर-107746 है।
अनावेदक कार्यालय शाखा प्रबंधक एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड व्यापार विहार बिलासपुर के द्वारा आरसीएस कंपनी के सर्वेयर को नुकसानी की जांच करने के लिए 20 मई 2021 को मकान का पूरी तरह सर्वे करने के उपरांत भवन एवं समान की नुकसानी राशि 35 लाख रुपये निर्धारित की गई। सर्वेयर द्वारा इंजीनियर से नुकसानी का इंस्टीमेंट तैयार कर भेजने के लिए निर्देशित किये जाने पर इंजीनियर द्वारा मौके का निरक्षण कर नुकसानी राशि 19 लाख 67 हजार रुपये तैयार कर भेजा गया।
अनावेदक कंपनी के द्वारा नियुक्त सर्वेयर 16 जुलाई 2021 को पुनः सर्वे करने के लिए आने पर इंजीनियर आनंद पांडये की उपस्थिति में दोबारा संयुक्त रूप से सर्वे कर नुकसानी राशि कम कर 15 लाख 85 हजार रुपये का स्टीमेट तैयार किया गया तथा आवेदक को पूर्णतः आश्वस्त किया गया की उक्त नुकसानी राशि अनावेदक द्वारा शीघ्र प्रदान कर दी जाएगी।
आवेदक द्वारा अनावेदक कार्यालय द्वारा मांगी गए समस्त दस्तावेज अनावेदक कार्यालय को उपलब्ध करा दिए गए और कार्यालीन संबंधी समस्त औपचारिकताएं पूर्ण कर ली गईं लेकिन उसके बावजूद भी क्षतिपूर्ति राशि का भुगतान नहीं किया गया। आवेदक की शिकायत का निराकरण नहीं कर अनावेदक द्वारा सेवा में कमी व व्यवसायिक दुराचरण करने से परिवेदित होकर आवेदक द्वारा परिवाद पेश कर वांछित अनुतोष दिलाए जाने का निवेदन जिला उपभोक्ता विवाद आयोग रायगढ़ के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
इस मामले में फोरम के अध्यक्ष छमेश्वर लाल पटेल व सदस्य द्वारा राजेन्द्र कुमार पाण्डेय व श्रीमती राजश्री अग्रवाल ने दोनों पक्षों की सुनवाई पश्चात बीमा कंपनी को सेवा में कमी का दोषी पाया और आवेदक को बीमित राशि में से आंकलन उपरांत 45 दिवस के भीतर 15 लाख 85 हजार रुपये का भुगतान करने तथा परिवाद दायर करने की तिथि से अदायगी तिथि तक 9 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज का भुगतान करने एवं क्षतिपूर्ति के रूप में 20 हजार रुपये तथा वाद व्यय के रूप में 5 हजार रुपये का 45 दिवस के भीतर भुगतान करने तथा परिवाद दायर करने की तिथि से अदायगी तिथि तक 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज का भुगतान करने का आदेश पारित किया है। इस मामले में आवेदक की ओर से अधिवक्ता धीरज जायसवाल ने पैरवी की।