Korba lok Sabha Seat: यहां अपने ही कार्यकर्ता बिगाड़ सकते हैं भाजपा का खेल, इस मुद्दे ने बढ़ाई सरोज पांडेय की मुसीबत

रायपुर। Lok Sabha Elections News: कोरिया जिला (Korea District) कोरबा लोकसभा (Korba Loksabha) का हिस्सा है. यहां लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के बीच भाजपा अंतर्विरोध की मार झेल रही है. दरअसल, लोकसभा चुनाव के लिए कोरबा लोकसभा सीट से बाहरी प्रत्याशी को टिकट मिलने के बाद भाजपा (BJP) के नेताओं में अंदरूनी नाराजगी देखने को मिल रही है. यहां पार्टी के नेता ही बिखरे हुए दिख रहे हैं. साथ ही गोंडवाना पार्टी (Gondwana party) के दखल से इस हाई प्रोफाइल सीट पर अब मुकाबला भी रोचक होने की संभावना है.

पार्टी ने इसलिए उतारा था बाहरी उम्मीदवार
बताया जाता है कि भाजपा ने स्थानीय नेताओं की गुटबाजी को कम करने के लिए बाहरी उम्मीदवार को कोरबा लोकसभा क्षेत्र का उम्मीदवार घोषित किया है. पार्टी के इस फैसले से लोकसभा लड़ने की उम्मीद पाले बैठे स्थानीय नेताओं को तगड़ा झटका लगा. हालांकि, नाम घोषित होने के बाद भाजपा उम्मीदवार सरोज पांडेय ने लोकसभा के सभी विधानसभाओं का दौरा कर सभी बड़े नेताओं से मुलाकात की. इसके बावजूद पार्टी कार्यकर्ता खुश नहीं है. बीजेपी में बाहरी नेता को ज्यादा वरीयता देने से लोकसभा क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं में नाराजगी बनी हुई हैं. ऐसे में बीजेपी की मुश्किलें बढ़ सकती है.

कांग्रेस में एक नेता के पीछे हैं सभी कार्यकर्ता
गौरतलब है कि कोरबा लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी ने ज्योत्सना महंत का अकेला नाम भेजा था. ज्योत्सना महंत अपने टिकट को लेकर पहले ही आश्वस्त थी. पहले भी उन्होंने कहा था कि टिकट उन्हें ही मिलेगा. कोरबा लोकसभा में विधानसभा की आठ सीटें शामिल हैं. इसमें कोरबा, रामपुर, कटघोरा, पाली तानाखार, पेंड्रा मरवाही जिले के मरवाही और कोरिया जिले की बैकुंठपुर, मनेंद्रगढ़ और भरतपुर सोनहत शामिल है.

दीदी और भाभी के बीच होगा मुकाबला
मोदी लहर के बावजूद कोरबा लोकसभा में भाजपा कार्यकर्ताओं की नाराजगी का असर चुनावी माहौल पर दिखने लगा है. इसका फायदा कांग्रेस उम्मीदवार और वर्तमान सांसद ज्योत्सना महंत को मिल सकता है. चुनाव को लेकर कोरिया जिले में राजनीतिक सरगर्मी शुरू हो गई है. दो महिला प्रत्याशियों के मैदान में होने से दोनों के बीच मुकाबला कड़ा होने की उम्मीद है. भाजपा को जहां मोदी सरकार के कार्यों पर भरोसा है. वहीं, कांग्रेस प्रत्याशी को पूर्व में कांग्रेस की सरकार और क्षेत्र के विकास के लिए किए गए प्रयासों पर भरोसा है. आपको बता दें कि भाजपा की सरोज पांडेय को पार्टी कार्यकर्ता दीदी और ज्योत्सना महंत को उनके कार्यकर्ता भाभी के नाम से बुलाते हैं. दरअसल, वे पूर्व केंद्रीय मंत्री चरणदास महंत की पत्नी हैं. इस तरह यहां दीदी और भाभी के बीच मुकाबला है.

यहां से 2019 में जीत चुकी हैं ज्योत्सना
लोकसभा के चुनाव में पहली बार ज्योत्सना महंत 2019 में कोरबा सीट पर विजयी हुईं थी. उन्होंने भाजपा के प्रतिद्वंदी ज्योतिनंद दुबे को पराजित किया था. ज्योतिनंद को चार लाख 97 हजार 61 मत प्राप्त हुए थे, जबकि ज्योत्सना महंत को पांच लाख 23 हजार 310 मतदाता ने वोट किया था. ज्योत्सना महंत कुल वैध मतों का 46 फीसदी हासिल कर सांसद निर्वाचित हुईं थीं.

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