सुकमा। छत्तीसगढ़ में सरकारी विभाग के अफसर की मनमानी और बेगारी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। नक्सल प्रभावित सुकमा जिला में विक्रेता संघ जिले के फूड इंस्पेक्टर की मनमानी और बेगारी से हलाकान है। विक्रेता संघ ने खाद्य निरीक्षक पर भौतिक सत्यापन के नाम पर बीयर, देसी मुर्गा और पैसे मांगने का गंभीर आरोप लगाते हुए कलेक्टर से इस मामले की शिकायत की है। खाद्य निरीक्षक के खिलाफ मिले इस शिकायत के बाद खाद्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।
पूरा मामला दोरनापाल विक्रेता संघ से जुड़ा हुआ है। सुकमा कलेक्टर के पास शिकायत करने पहुंचे विक्रेता संघ ने बताया कि फूड इंस्पेक्टर हरिशंकर साहू उन्हें लगातार परेशान कर रहे हैं। बेवजह गालीगलौज करने के साथ ही जब मन आए तब 5 से 10 हजार रुपए की मांग करते है। भौतिक सत्यापन के नाम पर हर महीने 5 हजार रुपए अवैध रूप से वसूला जाता है। इसके साथ ही मशीन खराब होने पर विक्रेताओं को इसका जिम्मेदार ठहराते हुए अभद्र व्यवहार किया जाता है। इसके अलावा निरीक्षण के नाम पर रात 7 से 8 बजे दोरनापाल से जगरगुंडा जाकर देर रात 11 से 12 बजे के बीच देसी मुर्गा और बियर मंगवाया जाता हैं।
संघ के सदस्यों ने बताया कि इस मामले को लेकर सुकमा कलेक्टर से शिकायत किया गया है। विक्रेता संघ के इस गंभीर आरोप के बाद खाद्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। गौरतलब है कि सूबे में नई सरकार का गठन होने के बाद भी नक्सल प्रभावित जिले में अफसर अपने पुराने ढर्रे पर ही काम कर रहे है। बताया जा रहा है कलेक्टर के समक्ष मामले की शिकायत पहुंचने के बाद इस पूरे प्रकरण पर कभी भी एक्शन लिया जा सकता है। उधर इस पूरे मामले और शिकायत पर जब फूड इंस्पेक्टर से उनका पक्ष लेने का प्रयास किया गया, तब उनका मोबाइल कव्हरेज से बाहर मिला।