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CG किसान बेच नहीं पा रहे धान : ऑनलाइन सिस्टम में किसी का रकबा घटा, किसी का कुछ हेक्टेयर ही बता रहा

रायपुर। जिले में किसानों को धान बेचने में लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कहीं सोसाइटियों में टोकन जारी नहीं किया जा रहा है, तो कहीं टोकन जारी होने के बाद 3 से 7 दिन के बाद किसान अपना धान बेच पा रहे हैं। इन परेशानियों के साथ किसानों के सामने अब ऑनलाइन सिस्टम में रकबा घटने की बड़ी समस्या सामने आने लगी है।

ऑनलाइन पोर्टल में किसी का रकबा घटा दिया गया है, तो किसी किसान का कई एकड़ फसल की जगह कुछ हेक्टेयर धान दिखा रहा है, जिसके कारण किसानों की परेशानी और बढ़ गई है। ऐसे कुछ किसानों के मामले सेजबहार क्षेत्र के ग्राम दतरेंगा उपार्जन केंद्र में मिले हैं, जो अपना धान बेच नहीं पा रहे हैं। इस सोसाइटी के प्रबंधक का कहना है कि जिन किसानों का रकब पोर्टल में कम बता रहा है, उन्हें दुरुस्त करने के लिए संबंधित सहकारी बैंक को जानकारी दे दी है।

रकबा घटने से बढ़ी छोटे किसानों की परेशानी

ग्राम दतरेंगा धान उपार्जन केंद्र में 4 किसानों का रकबा पोर्टल में कम बता रहा है। इनमें से दो किसानों का टोकन भी जारी हो चुका है, लेकिन टोकन कटने के दौरान जब किसानों को पता चला कि उनका रकबा ऑनलाइन में कम बता रहा है, तो किसानों ने अपना धान बेचने से इनकार कर दिया।

किसानों का कहना है कि जब तक ऑनलाइन में उनका रकबा सही नहीं बताएगा, वे अपना धान नहीं बचेंगे। इसी प्रकार अन्य दो किसानों ने टोकन जारी कराने से पहला पोर्टल में अपना रकबा का पता लगाया। इन किसानों को पता चला कि ऑनलाइन में धान की पैदावर एकड़ की जगह कुछ हेक्टेयर ही बता रहा है। इसीलिए ये किसान भी अपना धान बेच नहीं पा रहे हैं।

इन किसानों का पोर्टल में घटा रकबा

ग्राम कांदुल निवासी भागीरथी का पोर्टल पर 38 क्विंटल धान का रकबा बता रहा है, जबकि किसान का कहना है कि पिछले कई वर्षों से वह 55 क्विंटल धान सोसाइटी में बेचते आ रहे हैं। इसी प्रकार ग्राम कुरुद निवासी अजय पाल का भी पोर्टल में आधा एकड़ रकबा धान दिखा रहा है, जबकि उनका दो एकड़ से अधिक का रकबा है।

इसी प्रकार धनेस आधार का पोर्टल में 10-12 क्विंटल ही धान बता रहा है, जबकि उसका 5 एकड़ रकबा धान है। तुलाराम यादव का भी ऑनलाइन में करीब 8 क्विंटल धान बता रहा है, जबकि उसका 4 एकड़ रकबा धान है। इन किसानों में भागीरथी और अजय को टोकन जारी हो चुका है, वहीं धनेस व तुलाराम ने रकबा घटने के कारण अपना टोकन कटाया नहीं है। ये चारों किसान टोकन कटाने सोसाइटी पहुंचे थे।

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