CG : सरकारी स्कूल में 1 करोड़ का गबन, प्राचार्य से लेकर चपरासी तक दर्जन भर लोगों के खिलाफ FIR दर्ज
कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में सरकारी स्कूल के स्टाफ द्वारा प्रिसिंपल का फर्जी दस्तखत कर शासन के खजाने में करोड़ो रूपये की सेंध लगाने का सनसनीखेज मामला सामने आया हैं। इस पूरे मामले में अब पुलिस ने स्कूल के प्रभारी प्राचार्य,व्याख्याता और प्यून से लेकर उप कोषायल अधिकारी सहित करीब दर्जन भर लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज किया हैं। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ हैं। वही इस पूरे धोखाधड़ी के मास्टर माइंड को पहले ही डीईओं ने सस्पेंड कर दिया हैं। ऐसे में अब पुलिस जल्द ही जहां मामले में मुख्य आरोपी सहित अन्य लोगों की गिरफ्तारी कर सकती हैं,वही दूसरी तरफ पुलिस में एफआईआर दर्ज होने के बाद डीईओं जल्द ही शिक्षक और व्याख्याता सहित दूसरे स्टाफ पर निलंबन की गाज गिरा सकते हैं।
सरकारी स्कूल में फर्जीवाड़े और करोड़ो रूपये के गबन का ये पूरा मामला कोरबा जिला के पाली ब्लाॅक का हैं। जानकारी के मुताबिक शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हरदीबाजार में हुए इस पूरे कांड का मास्टर माइंड सहायक ग्रेड-3 ऋषि कुमार जायसवाल हैं। पुलिस में दर्ज एफआईआर की माने तो ऋषि कुमार जायसवाल ने पिछले लंबे समय से स्कूल के फर्जी हस्ताक्षर कर कोषालय से राशि का आबंटन लेने के बाद बंदरबांट कर लिया गया। इस पूरे फर्जीवाड़े में स्कूल के प्रभारी प्राचार्य व्यास नारायण दिवाकर की भूमिका भी अहम रही, उन्होने हर बार प्राचार्य के जाली हस्ताकक्षर को सही होने का प्रमाणित किया गया। लंबे समये के बाद जब इस पूरे मामले का भंडाफोड़ हुआ, तो पता चला कि स्कूल के प्रभारी प्राचार्य सहित दूसरे स्टाफ ने मिलकर सरकारी खजाने से करीब 1 करोड़ 4 लाख 46 हजार 400 रूपये का गबन कर लिया हैं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच के लिए शिक्षा विभाग ने एक टीम का गठन किया था। जांच में सरकारी खजाने से राशि निकालने को लेकर गंभीर अनियमितता सामने आई है। इसे देखते हुए संयुक्त संचालक बिलासपुर को अवगत कराया गया। बिलासपुर स्थित कार्यालय के आदेश पर विशेष टीम बनाकर इस मामले की जांच दोबारा शुरू की गई। इसमें कई प्रकार की गंभीर अनियमितता सामने आई। जांच में पता चला कि सहायक ग्रेड-3 ऋषि कुमार जायसवाल ने प्राचार्य का फर्जी हस्ताक्षर किया। इसे प्रभारी प्राचार्य ने प्रमाणित किया। अलग-अलग मद के जरिए बिल कटघोरा कोषालय में लगाई गई। तत्कालीन कोषालय अधिकारी ने बिल की जांच किये बिना ही इसे प्रमाणित किया और सरकारी खजाने से राशि निकालकर संबंधित स्कूल को भेज दिया। बाद में सभी कर्मचारियों ने इस राशि का आपस में बंदरबांट कर लिया। इससे संबंधित मामले का खुलासा होने पर जिला शिक्षा अधिकारी ने ऋषि जायसवाल को पहले ही निलंबित कर दिया था।
सरकारी खजाने से राशि निकालने वाले दोषियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कराने को लेकर विभाग से अनुमति मांगी गई थी। जिस पर अब हरदीबाजार थाना में बीईओं श्यामनंद साहू ने रिपोर्ट दर्ज कराया हैं। बीईओं की रिपोर्ट के बाद पुलिस ने स्कूल के प्रभारी प्राचार्य व्यास नारायण दिवाकर, सहायक ग्रेड-3 ऋषि कुमार जायसवाल, व्याख्याता होमनाथ भाराद्वाज, चपरासी भोपाल सिंह नेटी, शिक्षक सुरेंद्र कुमार पाटले, सहायक ग्रेड-3 विक्की यादव, कटघोरा के उप कोषालय अधिकारी मनीष कुमार देवांगन, दिनेश कुमार कंवर, संजू कुमार यादव, नितेश और ग्राम बुड़गहन जांजगीर-चांपा निवासी रतन सिंह के अलावा कृष्ण कुमार जगत भी शामिल है। आरोपियों के खिलाफ पुलिस नेआईपीसी की धारा 120बी और 420 के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद इस पूरे धोखाधड़ी के मास्टर माइंड ऋषि कुमार जायसवाल पर अब गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।