रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा के प्रत्याशियों की सूची को लेकर निशाना साधा है. उन्होेंने रमन सिंह को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी कुछ भी कहे, चली तो रमन सिंह की है. 15 साल रमन सिंह नहीं, अमन सिंह ने सरकार चलाई है. अमन सिंह अदानी से जुड़ गए हैं, और हमारे विश्व गुरु अदानी को मना नहीं कर सकते हैं.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 30 प्रत्याशियों को Z प्लस सिक्योरिटी दी है, जिसमें अमित जोगी भी हैं. अमित जोगी ने भी चुनाव लड़ने के लिए कोर्ट से अनुमति मांगी है, यह पूरी क्रोनोलॉजी है. जोगी और रमन सिंह की दोस्ती सभी जानते हैं. इसके साथ ही बीजेपी के “है तैयार हम” नारे पर मुख्यमंत्री ने तंज कसा है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ महतारी की 15 साल तक फोटो नहीं लगाई. छत्तीसगढ़ी में नारा नहीं बनाते थे, अब हमारे नारा भी बीजेपी वाले चुराने लगे हैं. यह मानसिक दिवालियापन की निशानी है.
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि भाजपा कॉर्डर बेस पार्टी है, लेकिन कार्डर की सुनते नहीं, यदि सुनते तो विरोध नहीं होता. रमन सिंह ने बड़ी चालाकी से RSS के कुछ कार्यकर्ताओं को टिकट दिए हैं, यह जीतेंगे नहीं, लेकिन RSS को सक्रिय करने के लिए दिया गया है. दरअसल, रमन सिंह के पीछे अमन सिंह का ब्रेन है.
कैंडी क्रश खेलने पर हो रही सियासत को लेकर सीएम बघेल ने पलटवार करते हुए कहा कि कैंडी क्रश खेलना कोई अपराध है क्या..? हम तनाव में नहीं रहते. भाजपा वाले चुनाव आते ही सक्रिय होते हैं. मैं खाना खाने के बाद थोड़ा कैंडी क्रश खेलता हूं. हम गेड़ी, भंवरा खेलते हैं, छलांग भी लगते हैं, मनोरंजन करना अपराध है..? वहीं भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्य के ‘बीजेपी की सरकार बनाने आया हूं’ वाले बयान पर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि कर्नाटक में बना लिए..? जहां से वह आते हैं, क्या दुर्गति हुई..?
वहीं बीजेपी के द्वारा 2 साल के धान का बोनस नहीं दिए जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार से चिट्ठी लिखकर पूछा है कि बोनस पर प्रतिबंध क्यों लगाया है. उन्होंने कहा कि यह बात रमन सिंह अपने केंद्रीय नेतृत्व को क्यों नहीं बताते हैं. इससे किसानों का भला होगा. 2014 में मोदी सरकार आते ही बोनस पर उन्होंने प्रतिबंध लगाया.
भाजपा प्रत्याशी सूची जारी होते ही मुख्यमंत्री के कई दावेदारों के सामने आने पर मुख्यमंत्री बघेल ने चुटकी लेते हुए कहा कि पूरे 5 साल हमने देखा है, इनमें गुटबाजी बहुत है. हंटर चलाकर पुरंदेश्वरी जी चले गई. मेघवाल जी असफल हो गए, माथुर जी आए तो लगा सब कुछ बदल डालेंगे. लेकिन माथुर साहब भी असफल हो गए. सब कुछ बदल डालूंगा नहीं चला, सब कुछ वही का वही है, जिन्हें जनता 5 साल पहले नकार चुकी है.